उच्च न्यायालय ने कहा एलएनआईपीई कुलपति की नियुक्ति अवैध

उच्च न्यायालय ने कहा एलएनआईपीई कुलपति की नियुक्ति अवैध
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ग्वालियर। उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने एलएनआईपीई के कुलपति की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है। न्यायमूर्ति एसके गंगेले व न्यायमूर्ति शील नागू की युगलपीठ ने प्रभारी कुलपति जीएस अयंगर की नियुक्ति को नियम विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया और केन्द्र सरकार को तीन माह में नियमित कुलपति नियुक्त करने का आदेश दिया।
राजेन्द्र यादव ने याचिका दायर करते हुए केन्द्र सरकार द्वारा कुलपति की नियुक्ति को नियमविरुद्ध बताते हुए प्रभारी कुलपति को हटाने की मांग की थी। याची का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी ने तर्क दिया कि केन्द्र सरकार ने नियमों की अनदेखी करते हुए खेल विभाग के संयुक्त सचिव जीएस अयंगर को प्रभारी कुलपति बनाया जबकि यूजीसी के नियम अनुसार इस पद पर वरिष्ठतम प्राध्यापक को ही नियुक्त किया जा सकता है। वहीं केन्द्र सरकार के अभिभाषक ने कहा कि चूंकि संस्थान केन्द्र सरकार द्वारा पोषित संस्था है ऐसे में उसे नियुक्ति के संबंध में सभी अधिकार प्राप्त हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने 16 जून को प्रभारी कुलपति के नियुक्ति के आदेश को निरस्त करते हुए केन्द्र व संस्थान को तीन माह में नियमित कुलपति नियुक्त करने के लिए कहा। इसके साथ ही न्यायालय ने नियुक्ति होने तक किसी भी सक्षम अधिकारी को कार्यकारी कुलपति बनाने की स्वतंत्रता दी है। 

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