उपकरण खराब, मासूमों की जान पर संकट
मामला जयारोग्य अस्पताल के एसएनसीयू का
ग्वालियर। जयारोग्य अस्पातल के कमलाराजा चिकित्सालय स्थित सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट के आधे से अधिक उपकरण खराब पड़े हैं जो वहां उपचार ले रहे नवजात मरीज बच्चों की जान को संकट में डाल रहा है। इस समस्या से उपचार ले रहे मरीजों के साथ ही चिकित्सकों को भी उपचार देने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार एसएनसीयू में बेन्टीलेटर खराब होने के कारण चिकित्सक जोड़-तोड़ करते हैं जिसमें बच्चों में ट्यूब डालकर उनके परिजन को बैग दबाने के लिए पकड़ा देते हैं जो जीवन रक्षक के रुप में काम करता है। बच्चा अधिक बीमार होने पर कई बार यह प्रक्रिया लगातार 24 से अधिक घण्टों तक चलती रहती है। जिससे परिजन बैग लगाकर आठ-से बारह घण्टों की पाली में काम करना पड़ता है। वहीं खराब पड़े एबीजी का उपयोग बेन्टीलेटर पर पड़े मरीज बच्चे को कब तक बेन्टीलेटर पर रखना चाहिए यह बताता है और विशेषज्ञों के अनुसार बेन्टीलेटर पर पड़े मरीज का हर एक घण्टे एबीजी जांच करना चाहिए। फोटोथैरेपी मशीन का उपयोग बच्चों को रोशनी देने या यूं कहे ऊर्जा देने (सूर्य ऊर्जा की भांति ऊर्जा) का काम किया जाता है जो बच्चों के लिए सूर्य की रोशनी का काम करती है। इसके साथ ही एसएनसीयू में भर्ती मरीज बच्चों की मोनीटरिंग एसपीओटू मोनीटर से की जाती है। नवजात बच्चे होने के कारण उन्हें दवाओं को देने के लिए सिरिन्ज पम्प का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही रेडिएण्ट बार्मर का उपयोग तापमान नियंत्रित करने हेतु एवं आक्सीजन सेन्ट्रल लाइन का उपयोग प्राण वायु को बच्चों तक पहुंचाने का काम करती है। ये उपकरण एसएनसीयू वार्ड में है तो लेकिन खराब होने के कारण मरीज बच्चा उनके परिजनों के साथ-साथ, चिकित्सकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि एसएनसीयू के प्रमुख चिकित्सक ने मशीनों का खराब होने का खण्डन किया है।
खराब, सही उपकरणों का विवरण
बेन्टीलेटर तीनों खराब
एबीजी मशीन 1 खराब
फोटोथैरेपी 25 में से 22 खराब
एसपीओटू मोनिटर 11 में से 9 खराब
सिरिन्ज पम्प 18 में से 15 खराब
आक्सीजन सेन्ट्रल लाईन 26 में से 15 खराब
रेडिएण्ट बार्मर 30 में से 8 खराब
''एसएनसीयू विभाग के उपकरण बेन्टीलेटर आदि सामान खराब होने की बात गलत है। यह जानकारी भ्रम फैलाने के लिए दी गई होगी।
डॉ.अजय गौड़
प्रभारी, एसएनसीयू