जनमानस
इमाम देशद्रोही
जामा मस्जिद के इमाम की अहसान फरामोशी सारे राष्ट्र के समाने आ चुकी है। उसने अपने कुटुम्ब के किसी सदस्य की दस्तार बंदी में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित न करके हमारे विरोधी देश के प्रधानमंत्री को सादर आमंत्रित किया है। इमाम का यह कृत्य नींदनीय होकर देशद्रोही होने की श्रेणी में आता है। प्रधानमंत्री अपने देश का मालिक होता है और राष्ट्र के प्रसिद्ध नागरिक का संबंध राजा और प्रजा के समान होता है। इमाम दस्तारबंदी में भले ही नरेन्द्र मोदी को न बुलाते लेकिन पाक के प्रधानमंत्री को दस्तार बंदी में बुलाना आवश्यक क्यों हुआ।
मुकेश घनघोरिया, घाटीगांव
Updated : 11 Nov 2014 12:00 AM GMT
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