दिल्ली में सरकार गठन को लेकर सुनवाई अब 28 को
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 28 अक्टूबर तक टाल दी। गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी में अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस्तीफा देने के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग से यह सिफारिश की थी कि दिल्ली विधानसभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव करा दिए जाएं।
आप नेताओं की दलील थी कि जब उनकी सरकार ने इस्तीफा दिया, उससे ठीक पहले विधानसभा ने सरकार द्वारा पेश बिजली की सब्सिडी देने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी थी। इसका सीधा मतलब यह था कि उस वक्त सरकार को बहुमत हासिल था और ऐसे में दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा विधानसभा को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने संबंधी सिफारिश पूरी तरह संवैधानिक थी, जिसे उपराज्यपाल को मानना चाहिए था।
लेकिन उपराज्यपाल ने विधानसभा को निलंबित कर सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर दी थी, जिसे कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने स्वीकार कर लिया था। इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट चली गई और अदालत की विशेष संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने केंद्र व दिल्ली सरकार को दिल्ली की किस्मत तय करने के लिए सवा महीने का वक्त दिया था।
इसके बाद उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर यह सिफारिश की थी कि दिल्ली में सरकार बनने की संभावनाएं मौजूद हैं। लिहाजा विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया जाना चाहिए। अदालत में पिछली सुनवाई के समय सरकार ने सूबे में सरकार गठन की दिशा में चल रही गतिविधियों की सूचना दी थी और उसके बाद ही अदालत ने 10 अक्टूबर तक का समय सरकार को दिया था।