इतालवी मरीनों के खिलाफ जल्द ही दायर होगा आरोपपत्र

नई दिल्ली | राष्ट्रीय जांच एजेंसी केरल के दो मछुआरों को मार डालने के आरोपी दो इतालवी मरीनों के खिलाफ जल्द ही आरोपपत्र दाखिल करेगी।
यह आरोपपत्र मरीनों पर उस कानून के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मिलने के बाद दाखिल किया जाएगा, जिसके तहत मौत की सजा का प्रावधान है।
बहरहाल आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरोपपत्र 3 जनवरी से पहले दाखिल किए जाने की संभावना नहीं है। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि दोनों इतालवी मरीनों के खिलाफ सेफ्टी ऑफ मेरीटाइम नेविगेशन एंड फिक्स्ड प्लेटफॉर्म्स ऑन कॉन्टीनेन्टल शेल्फ कानून (एसयूए) के मुकाबले गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम कानून लगाने के कारण उत्पन्न सभी मुद्दों को वह इतालवी सरकार के साथ सुलझाएगा।
गृह मंत्रालय ने एनआईए को पिछले सप्ताह मरीनों के खिलाफ एसयूए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। फिलहाल यहां स्थित इतालवी दूतावास परिसर में रह रहे आरोपियों मासिमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने पर आरोप है कि 15 फरवरी 2012 को वह दोनों इतालवी पोत एनरिका लेक्सी पर थे और उन्होंने केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर गोली मार दी थी।
एनआईए ने इस घटना के गवाह चार इतालवी मरीनों से पूछताछ कर अपनी जांच पूरी कर ली। इन चारों इतालवी मरीनों ने भारत आने से इंकार कर दिया था जिसके बाद इन लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ की गई।
उच्चतम न्यायालय ने यह मामला दिल्ली पुलिस को यह कहते हुए सौंपा कि यह केरल पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। साथ ही न्यायालय ने एनआईए को मामला सौंपने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया।
इतालवी सरकार ने आतंकवाद निरोधक कानून एसयूए लगाए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। उसका कहना है कि यह उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ है जिसमें केवल नौवहन जोन कानून, भारतीय दंड संहिता, आपराधिक दंड संहिता और यूएनसीएलओएस के तहत कार्यवाही की अनुमति है।