इतालवी मरीनों पर मुकदमा चलाने पर जल्द फैसला करेगा एनआईए

नई दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्रालय राष्ट्रीय जांच एजेंसी के उस कदम पर अगले कुछ दिनों में फैसला कर सकता है जिसमें केरल के दो मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों पर उस कानून के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी गयी है जिसके तहत दोषी को सिर्फ मौत की सजा मिलती है ।
एनआईए ने समुद्री नौवहन सुरक्षा विरोधी अवैध गतिविधियों को दबाना एवं महाद्वीपीय पट्टी पर तय प्लैटफॉर्म कानून (सप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट्स अगेंस्ट सेफ्टी ऑफ मैरीटाइम नेविगेशन एंड फिक्स्ड प्लैटफॉम्र्स ऑन कॉन्टीनेंटल शेल्फ एक्ट ) के तहत दोनों इतालवी मरीनों पर मुकदमा चलाने की इजाजत गृह मंत्रालय से मांगी है ।
दोनों इतालवी मरीन पर आरोप है कि उन्होंने 15 फरवरी 2012 को केरल तट पर दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी । सूत्रों ने कहा कि आरोपी मरीनों पर एसयूए के तहत मुकदमा चलाने की एनआईए की मांग को लेकर मंत्रालय अजीबोगरीब स्थिति में है क्योंकि इस कानून के तहत दोषियों को सिर्फ मौत की सजा दी जा सकती है । मंत्रालय के लिए यह काफी बड़ा मुद्दा है क्योंकि भारत पहले ही इटली को आश्वस्त कर चुका है कि स्थापित न्यायशास्त्र के तहत इस अपराध के लिए मौत की सजा नहीं दी जाएगी ।
गृह मंत्रालय कानून के विभिन्न प्रावधानों पर विचार कर रहा है पर उसने एनआईए की मांग पर अब तक फैसला नहीं किया है । एनआईए के अनुरोध पर चर्चा के लिए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने हाल ही में एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी । विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया था । बैठक में इस बात पर विचार किया गया था कि इस अजीबोगरीब स्थिति का समाधान किस तरह निकाला जाए ।
एक सुझाव यह था कि एसयूए के तहत आरोपित करने के बाद एनआईए भारत द्वारा इटली को दिए गए वचन का हवाला देते हुए मुकदमे की सुनवाई करने वाली अदालत से कह सकता है कि दोषी पाए जाने पर आरोपी को मौत की सजा न दी जाए । आरोपी इतालवी मरीन - मैसिमिलिएनो लातोर और सैल्वातोर गिरोन ने इतालवी पोत ‘एनरिका लेक्सी’ पर सवार रहते हुए कथित तौर पर दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी । दोनों आरोपी अभी नयी दिल्ली स्थित इतालवी दूतावास में रह रहे हैं ।

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