हैदराबाद | सीमांध्र के कई संगठनों ने भोगी पर्व के दौरान आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2013 की प्रतियां आग के हवाले कर दी और राज्य के विभाजन का विरोध किया। समैक्यआंध्र परिरक्षण समिति के आह्वान पर विभिन्न राजनीति पार्टियों के नेताओं ने संक्रांति पर्व के अवसर पर सड़कों पर जलाई गई भोगी में विधेयक की प्रतियां जलाईं।
भोगी पर्व के अवसर पर लोग घर के पुराने और बेकार पड़े सामानों, पुराने अनाज इकट्ठा करके उन्हें आग के हवाले करते हैं। मान्यता है कि इसके बाद जीवन में नई चीजों का आगमन होता है।
समिति के नेता पी. अशोक बाबू ने प्रकाशम जिले के अंगोल कस्बे में तेलंगाना विधेयक की प्रतियां भोगी में जलाई। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान 'जय समैक्यआंध्र' के नारे भी लगाए।
सीमांध्र (रायलसीमा एवं आंध्र प्रदेश क्षेत्र) के सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधि और आंध्र प्रदेश गैर राजपत्रित अधिकारी संघ (एपीएनजीओ) के अध्यक्ष अशोक बाबू ने कहा, "तेलंगाना विधेयक को भोगी में जलाकर लोगों ने राज्य विभाजन के प्रति विरोध प्रकट किया है।"
अंगोल से कांग्रेस सांसद मगुंता श्रीनिवासुला रेड्डी और मछलीपट्टनम से तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद कोनाकला नारायणा राव एवं पार्टी के स्थानीय नेता भी प्रदर्शनकारियों में शामिल थे।
समैक्यआंध्र संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के नेताओं ने विजयवाड़ा में विधेयक की प्रतियां आग के हवाले की। इधर तेदेपा के नेताओं ने गुंटूर में प्रदर्शन किया।
आंध्र प्रदेश विधानसभा में तेलंगाना के गठन पर चर्चा चल रही है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा संविधान के अनुच्छेद तीन के अंतर्गत आंध्र प्रदेश विधानसभा भेजा गया विधेयक चर्चा के पश्चात 23 जनवरी तक उन्हें वापस किया जाना है।
सीमांध्र के नेताओं ने तेलंगाना विधेयक की प्रतियां जलाई
Updated : 2014-01-13T05:30:00+05:30
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