चौटाला की जमानत बढ़ाने की अर्जी खारिज

नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने संबंधी याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज खारिज करते हुये कहा कि ‘‘उन्हें अब और अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत नहीं है| अदालत ने चौटाला को 17 सितम्बर को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।
अदालत के आदेश पर एम्स द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने चौटाला की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से से इनकार कर दिया।
रिपोर्ट के अनुसार चौटाला का वर्तमान समय में स्वास्थ्य लाभ और फिजियोथेरेपी अस्पताल में भर्ती हुए बिना जारी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस समय उन्हें अस्पताल में भर्ती किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
चौटाला की ओर से अधिवक्ता यू यू ललित ने अदालत को बताया कि गत तीन महीने से वह चिकित्सकीय कारणों से अस्पताल से बाहर नहीं आए हैं और उन्हें लगातार चिकित्सकीय देखभाल की जरुरत है। अत: उनकी अपील के निपटारे तक उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी जाए। लेकिन अदालत ने उनकी सभी सभी दलीलें अस्वीकार कर दी।
गौरतलब है कि ओमप्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय चौटाला और 53 अन्य जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षक भर्ती घोटाले में अलग अलग समय के लिए जेल में सजा काट रहे हैं। 

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