मुजफ्फरनगर | मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा के शिकार लोगों के दुख बाटने गये मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। दंगाग्रस्त मुजफ्फरनगर के कवाल गांव पहुंचने के बाद लोगों ने काले झंडे दिखाकर उनका विरोध किया। लोगों का गुस्सा देखते हुए मुख्यमंत्री दंगा पीड़ितों से मिले बिना ही वपस लौट गए। अखिलेश के ना मिलने से इलाके के लोग काफी नाराज हैं। ये लोग मुख्यमंत्री के सामने अपनी दिक्कतें रखना चाहते थे, लेकिन स्थानीय नेताओं ने अखिलेश को घेर लिया और अखिलेश उन लोगों से ही बात करते रहे। जिसके नाराज होकर लोगों ने अखिलेश के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों की शिकायत है कि अगर उनके पास वक्त नहीं था तो ये सियासी दिखावा क्यों कर रहे हैं। इस बीच अखिलेश ने एसएसपी सुभाष यादव को सस्पेंड कर दिया है। राज्य में बढ़ती सांप्रदायिक हिसा की घटनाओं को रोकने में नाकाम सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की चौतरफ़ा आलोचना हो रही है। आने वाले आम चुनाव से पहले पार्टी को और एक झटका लगा है। बागपत से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार सोमपाल शास्त्री ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। दंगा प्रभावित मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को गोलीबारी की एक घटना को छोड़कर हालात कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहे। गौरतलब है कि 27 अगस्त को कवाल गांव से सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत हुई थी। छेड़छाड़ से शुरू हुए झगड़े ने हिंसक रूप लिया। अब तक इस हिंसा में आधिकारिक रूप से 50 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है।
दंगा पीड़ितों से मिलने गए मुख्यमंत्री अखिलेश को दिखाए काले झंडे
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Updated : 2013-09-15T05:30:00+05:30
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