उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते 200 राहतकर्मी फंसे

उत्तराखंड  में  भारी बारिश के चलते 200 राहतकर्मी फंसे
X

देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते हालात को सुधारने गए दो सौ राहतकर्मी खुद वहां फंस गए हैं। आसमान साफ होते ही उन्हें निकालने के उपाय किए जाएंगे।
पानी के तेज बहाव में कई स्थानों पर बनाए गए नए रास्ते बह गए हैं। हेलीकॉप्टर न उड़ पाने की वजह से सैकड़ों प्रभावित गांवों में राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। गुरुवार रात से हो रही बारिश के कारण केदारघाटी में पैदल रास्ता बनाने के प्रयासों को झटका लगा है। आपदा की चपेट में आए रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों के ज्यादातर इलाकों में गुरुवार रात से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है। शुक्रवार शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के बाद जिस प्रकार से अलकनंदा नदी उफनी है उससे आशंकाएं और बढ़ गई हैं। किनारे बसे लोगों को इलाका खाली करने के लिए कहा गया है।
साथ ही मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में पिथौरागढ़, नैनीताल और अल्मोड़ा में भारी बारिश का अंदेशा जताया है। इससे आपदा प्रभावित पिथौरागढ़ की दशा और बिगड़ सकती है। केदारघाटी समेत उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में राहत कार्य ठप हो गया है। उत्तराखंड में बचाव अभियान के बाद भी वायुसेना और निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टर उपलब्ध हैं लेकिन खराब मौसम के चलते उनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
खराब मौसम के चलते केदारनाथ में अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार के कार्य में भी बाधा आई है। हफ्ते भर में केवल 74 शवों का डीएनए नमूना लेकर अंतिम संस्कार किया जा सका है। 20 दिन पहले आई आपदा में मारे गए सैकड़ों लोगों के शव अभी खुले में पड़े हैं और उससे ज्यादा शव मलबे के नीचे दबे हुए हैं। अभी तक उन शवों को एकत्रित करने का कार्य ही पूरा नहीं हो पाया है। बीस दिनों में इन शवों की दशा बहुत खराब हो चुकी है और वे अब उठाने के लायक भी नहीं रह गए हैं।

Next Story