उत्तराखंड आपदा के लिए सरकार जिम्मेवार: उमा

उत्तराखंड आपदा के लिए सरकार जिम्मेवार: उमा
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नई दिल्ली। भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती ने उत्तराखंड में आई भीषण प्राकृति आपदा में हुई जान माल की क्षति के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह मानवीय लापरवाही का नतीजा है और कुछ उपाय करक इसे टाला जा सकता था।
उमा ने कहा कि भारी बारिश के कारण उत्तराखण्ड में जो तबाही मची उसे रोका तो नहीं जा सकता था, लेकिन अगर समय रहते कुछ उपाय कर लिए जाते तो लोगों की कीमती जानें जरूर बचाई जा सकती थीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 14 जून को बारिश का सिलसिला शुरू हुआ जो अगले तीन दिन तक जारी रहा। उन्होंने कहा कि तीन दिन की बारिश के दौरान इतना पानी गिरा कि केदारनाथ धाम के उपर स्थित गांधी सरोवर पानी से लबालब भर गया और उससे पानी बह निकला।
भाजपा नेता ने कहा कि यदि बारिश शुरू होने के बाद खतरे को भांपकर समय रहते कदम उठाए जाते और तीर्थयात्रियों को केदारनाथ एवं अन्य धार्मिक स्थलों से इन तीन दिनों में सुरक्षित निकाल लिया जाता, तो बड़ी तादाद में मौतें टाली जा सकती थीं।.
भाजपा उपाध्‍यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड के श्रीनगर में पनबिजली परियोजना निर्माण के लिए प्राचीन एवं ऐतिहासिक धारी माता मंदिर विस्थापित किया जाना था और मंदिर से तीन दिन पहले ही धारी माता की मूर्ति हटाई गई थी, जिसके बाद इस पर्वतीय राज्य में प्रलय जैसी स्थिति निर्मित हुई।
उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कहना चाहतीं कि धारी माता मंदिर विस्थापन की वजह से यह तबाही आई, लेकिन परंपरागत रुप से माना जाता है कि धारी माता, चारों धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं और उत्तराखण्ड की जनता की रक्षक माता हैं।
उमा ने कहा कि धारी माता मंदिर विस्थापन के खिलाफ अन्य लोगों के साथ उन्होंने भी अभियान चलाया था, लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि ‘बिजली माफिया’ के दबाव में यह कदम उठाया गया हो, जो वहां मंदिर की जगह एक बड़ा उर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहता था।

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