उत्‍तराखंड के लिए 1000 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा

उत्‍तराखंड के लिए 1000 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा
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नई दिल्‍ली | प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भयंकर बारिश और विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आकर सौ से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और हिमालय के तीर्थस्थलों पर हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के बाद उत्‍तराखंड के लिए 1000 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया। राज्‍य में बाढ़ राहत के लिए 145 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। साथ ही, जिनके मकान पूरी तरह टूटे व बहे, उन्‍हें एक लाख रुपये की मदद और मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की गई।
गौर हो कि उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ से उत्पन्न हालात काफी गंभीर हैं और यहां पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। केदारनाथ में भारी तबाही मची है।
बाढ़ और भूस्‍खलन के मुद्दे पर आज सुबह कांग्रेस कोर समूह की बैठक में चर्चा की गई। उत्तराखंड के हालात को पहले से बेहतर बताते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम नेकहा कि खाद्य मंत्री केवी थामस प्रभावित राज्यों में अधिक अनाज पहुंचाने के लिए कदम उठा रहे हैं। कोर समूह की बैठक के बाद चिदंबरम ने कहा कि यह सुनिश्चित करना उद्देश्य है कि अनाज और खाने के पैकेट प्रभावित लोगों को उपलब्ध हों। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि गौरीकुंड में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर भेजे गए हैं। बद्रीनाथ में एक नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है। आईटीबीपी (भारत-तिब्ब्त सीमा पुलिस) ने जोशीमठ में 6400 लोगों को शरण दी है।

शिंदे ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के 540 कर्मियों की 14 टीमें उत्तराखंड में तैनात की गई हैं। इस राज्य में 62790 लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। सेना ने 5000 लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। प्रधानमंत्री ने बहुगुणा को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री पहले ही केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वे बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में मदद करें।

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