उत्तराखंड में प्रकृति का कहर, 73 की मौत
देहरादून | उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में लगातार चौथे दिन मंगलवार को भी बारिश जारी है। इस बारिश में अब तक 73लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है तथा 58,000 लोग फंस गए हैं जिनकी हालत दयनीय है। मौसम विभाग ने उत्तर भारत में अगले दो दिन और बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
अधिकारी लगातार बारिश प्रभावित इलाकों में अभियान चला रहे हैं और इन दोनों राज्यों में मृतकों की संख्या 58 हो गई है। उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश में 40 तथा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 18 लोगों की मौत हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, चारधाम की यात्रा के लिए निकले 58,000 से अधिक लोग यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ के रास्ते में फंसे हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, सिखों के तीर्थ स्थल हेमकुंड साहब की यात्रा भी बीच में रुक गई है।
कई जगहों पर बारिश के पानी से सड़कें टूट गई हैं और भूस्खलन हुआ है। बाढ़ का पानी अलकनंदा नदी के किनारे बसे गांवों में घुस गया है। इस दौरान कैलाश मानसरोवर की यात्रा भी स्थगित कर दी गई है। गंगा नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है जिस कारण चेतावनी जारी कर दी गई है और लोगों को नदी में स्नान न करने की सलाह दी गई है। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, बचाव अभियान के लिए बरेली और सरसवा में आधार शिविर बनाए गए हैं। राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के सदस्य हालांकि, खराब मौसम की वजह से देहरादून से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। भारतीय वायु सेना के 14 हेलिकॉप्टर राहत कार्य में लगे हुए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने हालात को गंभीर मानते हुए कहा कि सरकार विभिन्न स्थानों में फंसे हुए लोगों को निकालने तथा बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत पहुंचाने के लिए तेजी से बचाव कार्य कर रही है। उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का कहना है कि 450 सड़कों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि मंगलवार शाम से स्थिति में सुधार आना शुरू हो जाएगा। एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि बाढ़ का पानी रेल पटरियों पर जम जाने से सहारनपुर एक्सप्रेस, हेमकुंड एक्सप्रेस और जनशताब्दी एक्सप्रेस सहित कई रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं। सोमवार से नैनीताल में हो रही बारिश से यहां की झील का जल स्तर पांच फुट ऊपर बढ़ गया है और इससे कई पर्यटक उनकी छुट्टियां दरवाजों के अंदर बिताने के लिए मजबूर हो गए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मालन और गंगा नदी उफान पर हैं और बिजनौर के मंद्वार और रावली इलाके में सेना बुलाई गई है। मेरठ के सरधाना इलाके में कई घर ढह गए हैं। सहारनपुर में घर की छत गिर जाने और कार के पानी में बह जाने से 18 लोगों की मौत हो गई है।