छ्त्तीसगढ़ नक्सली हमले की एनआईए करेगा जांच
नई दिल्ली | छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेताओं के काफिले पर माओवादियों की ओर से किए गए घातक हमले की घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आज से शुरू कर देगी। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल सहित 29 लोग मारे गए हैं।
केन्द्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने बताया कि इस हमले की जांच एनआईए को औपचारिक रूप से सौंपे जाने का आधिकारिक आदेश शीघ्र ही जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम एनआईए जांच के आदेश जारी करेंगे। एनआईए की टीम छत्तीसगढ़ भी जाएगी।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कल कहा था कि कांग्रेसी नेताओं पर माओवादी हमले की जांच एनआईए से कराई जाएगी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह इसके लिए राजी हैं। सशस्त्र माओवादियों ने राज्य के बस्तर जिले में कांग्रेस के नेताओं के काफिले पर हमला किया था। इसमें प्रदेश कांग्रेस प्रमुख, उनके बेटे, कांग्रेस नेता महेन्द्र कर्मा और पूर्व विधायक मुदलियार सहित 29 लोग मारे गए थे। इसके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल के साथ 32 लोग घायल हुए हैं। इधर, कांग्रेस के काफिले पर हुए नक्सली हमले से आहत देश ने चरम वामपंथियों की निंदा की है। छत्तीसगढ़ में परिवर्तन रैली में हिस्सा लेकर लौट रहे कांग्रेस नेताओं के काफिले पर सुकमा जिले के घने जंगलों में नक्सलियों ने हमला कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नक्सल विरोधी अभियान सलवा जुडूम का सूत्रपात करने वाले कर्मा की हत्या कर दी। हमले में 29 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना पर छत्तीसगढ़ सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। राज्य में इसी वर्ष के आखिर में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। मध्य भारत में 6 अप्रैल 2010 के बाद यह सबसे बड़ा नक्सली हमला है। नक्सलियों ने उस समय दंतेवाड़ा जिले में हमला कर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य पुलिस के करीब 75 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी। सुकमा शहर से 35 किलोमीटर दूर हमले वाली जगह पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। यह इलाका राज्य के नक्सली हिंसा से प्रभावित बस्तर क्षेत्र में पड़ता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ छत्तीसगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ मिलकर स्थिति की समीक्षा की और नक्सलियों से निपटने में राज्य को सभी प्रकार की सहायता पहुंचाने की पेशकश की। हमले पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश इस प्रकार के कारनामों से धौंस में नहीं आने वाला। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि आतंकवाद और हिंसा से जंग छेड़ी जानी चाहिए और उसे उखाड़ फेंका जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि नक्सल चरमपंथ से लड़ने के लिए हमें और प्रतिबद्ध होना चाहिए। ये जिंदगियां यूं ही व्यर्थ नहीं जाए। इस घटना को चरमपंथ और हिंसा से हमारी लड़ाई के लिए एक प्रेरणा के रूप में लिया जाए।
भाजपा नेता एलके आडवाणी ने हमले को अत्यंत दुस्साहसपूर्ण बताते हुए नक्सली हिंसा से निपटने में सभी से एकजुट होने का आह्वान किया। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और राज्यपाल शेखर दत्त को पद से हटाए जाने की मांग की है। इस बीच हमले में घायल वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें कई गोलियां लगी हैं और उन्हें इलाज के लिए गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और आडवाणी ने अस्पताल जाकर शुक्ल का हालचाल लिया।