धर्मशाला से चीनी जासूस गिरफ्तार
धर्मशाला | चीन भारत को अपना ‘महत्वपुर्ण’ पड़ोसी मानने का दावा करता हो लेकिन यह माओवादी देश अपने नापाक हरकतों से बाज नही आ रहा। लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना के अवैध घुसपैठ पे मुद्दे पर चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग के भारत यात्रा को कुछ दिनों बात ही हिमाचल प्रदेश में निर्वासित तिब्बती सरकार की राजधानी मेकलोडगंज से एक चीनी जासूस को गिरफ्तार किया गया है। इसे बुधवार शाम को गिरफ्तार किया गया। तिब्बती सरकार की सुरक्षा एजेंसियों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक बलबीर ठाकुर ने बताया कि तिब्बती मूल के पेमा सेरिंग को धर्मशाला में तिब्बत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया। ठाकुर ने कहा, 'हम तिब्बती सुरक्षा एजेंसियों से लिखित शिकायत मिलने के बाद उस नजर बनाए हुए थे। हमने बुधवार की शाम को उसे गिरफ्तार कर लिया।'
पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'हम उसके कब्जे से बरामद दस्तावेजों की वैधता और क्या उसने भारतीय नागरिकता हासिल की है, इसकी जांच कर रहे हैं, क्योंकि उसके पास से एक भारतीय मतदाता पहचान-पत्र मिला है।' ये दस्तावेज चांदनी चौक दिल्ली में पंजीकृत हैं। पुलिस उसके चीन से संबंधों को तलाश कर रही है। पुलिस के अनुसार, सेरिंग नेपाल के रास्ते 2009 में भारत पहुंचा था। वह कुछ दिन पहले ही धर्मशाला आया था। तिब्बती खुफिया रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए ठाकुर ने कहा कि सेरिंग चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का सदस्य था और उसने भारत आने से पहले पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स (पीएपीएफ) में सेवा की। धर्मशाला से ही तिब्बत की निर्वासित सरकार संचालित होती है और दलाई लामा वहीं रहते हैं।
इससे पहले चीनी सेना ने लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में करीब 19 किमी अंदर घुसकर अपने कैंप बनाये थे। भारत ने इस मुद्दे को उठाने के बाद भी अड़ियल चीनी सेना पीछे नही हटी बल्कि क्षेत्र पर अपना अधिकार बताते हुए भारतीय सेना को ही पीछे हटने की चेतावनी दी। इस मुद्दे को राजनयिक स्तर पर उठाने के बाद चीन ने तो अपनी सेना पीछे ली लेकिन भारत को इस क्षेत्र में सेना ने बनाये बंकर हटाने को कहा था। इससे पहले भी चीनी सेना ने नियन्त्रण-रेखा को भंग किया है।