प्रेसिडेंसी तोडफोड मामले में चार को न्यायिक हिरासत

कोलकाता | कोलकाता की विख्यात प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में दो दिन पहले हुई तोड़फोड़ और हिंसा के मामले में गिरफ्तार पांच लोगों को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने चार आरोपियों को 26 अप्रैल तक जेल भेज दिया, जबकि एक आरोपी को परीक्षा की वजह से जमानत पर छोड़ दिया गया।
पुलिस ने शुक्रवार को तीन और लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि गुरुवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दो दिन पहले प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के कैम्पस में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ करने के अलावा छात्रों पर भी हमला किया था। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लगातार इस बात का खंडन कर रही है कि तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले उपद्रवी उनके कार्यकर्ता नहीं थे, लेकिन हिंसा के समय की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें तृणमूल कांग्रेस के पार्षद पार्थ बसु समेत कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ता कॉलेज पर हमले के वक्त उसके गेट पर उपद्रवियों की भीड़ के साथ नजर आ रहे हैं।
इस बीच, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में हमले को लेकर गुरुवार को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी और कहा था कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हो, उस पर आपराधिक केस चलाना चाहिए। इस बीच, सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की शिकायत की है। राज्यपाल ने ममता बनर्जी और उनके वित्तमंत्री अमित मित्रा के साथ दिल्ली में बदसलूकी को साजिश के तहत किया गया हमला करार दिया था और कहा था कि इसके लिए सीपीएम पोलित ब्यूरो को माफी मांगनी चाहिए।
करात ने राष्ट्रपति को लिखा है कि बंगाल के राज्यपाल का बयान अनुचित है, उनकी टिप्पणी राज्यपाल पद की गरिमा के खिलाफ है और नारायणन राजभवन में बैठे कैसे यह तय कर सकते हैं कि हमला पूर्वनियोजित था।


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