चेन्नई। द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पांचों केंद्रीय मंत्रियों को इस्तीफा देने के निर्देश दे दिये गये हैं।
श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज चल रहे करुणानिधि ने चेन्नई में कहा कि तमिलों के मुद्दों के लिए हम हमेशा लड़ते रहे हैं और हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने श्रीलंका में तमिलों के कल्याण पर ध्यान देने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं और बाहर से भी समर्थन नहीं देंगे लेकिन मुद्दा आधारित समर्थन संभव है। करुणानिधि ने कहा कि हम अब भी उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र में तमिलों के मुद्दे पर सही कदम उठाएगी। उन्होंने इस कदम की घोषणा तब की जब सोमवार को उन्हें मनाने गए तीन केंद्रीय मंत्रियों से उनकी वार्ता विफल हो गयी थी। गौरतलब है कि इस समय संप्रग सरकार को समर्थन कर रहे सांसदों की संख्या 295 है, जिसमें से 18 सांसद द्रमुक के हैं। उधर करुणानिधि के संप्रग सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा के बाद चेन्नई में द्रमुक कार्यकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय के बाहर जमकर आतिशबाजी कर इस फैसले का स्वागत किया। मालूम हो कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने श्रीलंकाई तमिलों पर कथित अत्याचार के मुद्दे पर यूएनएचआर में श्रीलंका के खिलाफ मतदान करने से पहले द्रमुक सहित अन्य सहयोगी दलों से मशविरा करने की बात कही थी।
द्रमुक ने लिया संप्रग सरकार से समर्थन वापस
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Updated : 2013-03-19T05:30:00+05:30
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