श्रीनगर | पाक व्याप्त कश्मीर और पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों में अभी भी जम्मू-कश्मीर के लगभग चार हजार आतंकी मौजूद हैं। यह जानकारी राज्य सरकार ने विधानसभा में दी। सरकार ने यह भी बताया कि बीते तीन सालों के दौरान गुलाम कश्मीर से 241 आतंकी सामान्य जिंदगी जीने की आस में कश्मीर लौटे हैं, लेकिन इन्हें राज्य सरकार द्वारा घोषित पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिल सकता, क्योंकि ये सभी गैर-कानूनी तरीकों और रास्तों से आए हैं। विधायक प्रो. चमन लाल गुप्ता ने सरकार से जानकारी मांगी थी कि पुनर्वास योजना का क्या हुआ। इस पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अधीन राज्य गृह विभाग ने बताया कि वर्ष 2010 में 29 आतंकी जम्मू-कश्मीर लौटे हैं। इनमें से पांच आतंकी अपने साथ परिवार लेकर आए। वर्ष 2011 में आए 54 आतंकियों में से 16 सपरिवार आए। वर्ष 2012 में 150 आतंकी लौटे, जिनमें 90 के साथ उनका परिवार था। वर्ष 2013 में पहली जनवरी से 15 फरवरी तक आठ आतंकी लौटे, जिनमें से दो अपने साथ परिवार लाए हैं। ये सभी नेपाल या अन्य रास्तों से गैर कानूनी तरीके से ही कश्मीर आए हैं। पुनर्वास नीति के तहत घोषित मार्गों व औपचारिकताओं को पूरा किए बिना आने वाले आतंकियों को किसी तरह की सरकारी मदद नहीं दी जा सकती। गृह विभाग के अनुसार, पुनर्वास योजना के एलान के बाद 1089 आतंकियों की तरफ से वापसी के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से सिर्फ 191 आवेदनों को ही सुरक्षा एजेंसियों ने वापसी के लिए हरी झंडी दी है, जबकि शेष आवेदनों की छंटनी हो रही है। राज्य सरकार ने दावा किया है कि इस समय पाकिस्तान और पाक व्याप्त कश्मीर में राज्य के 3974 आतंकी मौजूद हैं।
सीमा पार अभी भी राज्य के 4000 आतंकी
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Updated : 2013-03-12T05:30:00+05:30
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