नई दिल्ली | अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदे में कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने के सरकार के प्रस्ताव को आज राज्यसभा ने मंजूरी प्रदान कर दी हालांकि राजग, तृणमूल, अन्नाद्रमुक, वाम दलों ने इसका विरोध करते हुए सदन से वाक आउट किया। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने अगस्तावेस्टलैंड से वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की खरीद में कथित तौर पर रिश्वत दिये जाने के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि जेपीसी इस मामले में सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की निगरानी करेगी ताकि मामले का सत्य शीघ्र सामने आ सके।
विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि जेपीसी गठित करने से मामले की जांच में और विलंब होगा। उन्होंने कहा कि जेपीसी के पास गिरफ्तारी सहित विभिन्न अधिकारी नहीं होते, इसलिए वह मामले की सच्चाई जल्द सामने ला पाएगी, इसमें संदेह है।
अन्नाद्रमुक नेता वी मैत्रेयन ने कहा कि सरकार इस मामले में जब प्राथमिकी भी दर्ज नहीं कर पाई तो वह जेपीसी गठित करने पर क्यों जल्दबाजी दिखा रही है। जेपीसी गठित करने के विरोध में राजग, तृणमूल, अन्नाद्रमुक, वाम दलों ने इसका विरोध करते हुए सदन से वाक आउट किया। इसके बाद सदन ने जेपीसी गठित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।
इससे पहले इसी मुद्दे पर हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि सरकार मामले को छिपाने का प्रयास नहीं कर रही है। इस मामले में जो कोई भी जिम्मेदार होगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
हेलीकाप्टर सौदे की संयुक्त समिति करेगी जांच
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Updated : 2013-02-27T05:30:00+05:30
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