नई दिल्ली। इटली के साथ विवादित अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में केंद्र सरकार की फैक्टशीट में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भी नाम है। दरअसल, 2005 में जब 12 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए यह डील हुई थी, तब प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे और उन्होंने ही इस डील को अंतिम रूप दिया था। सरकार की फैक्टशीट में कहा गया है कि टेंडर पर 2005 में मुहर लगी, उस समय प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री और एस पी त्यागी वायुसेना प्रमुख थे। इसमें भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार पर भी आरोप मढ़े गए हैं। जिसमें कहा गया है कि 2003 में जब ब्रजेश मिश्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे, तब उन्होंने तत्कालीन रक्षा सचिव को पत्र लिखकर हेलीकॉप्टर की 18 हजार फुट तक की ऊंचाई पर उड़ने की दक्षता को घटाकर 14 हजार फुट करने और मौजूदा नियमों को अनुचित बताते हुए बोली प्रक्रिया में और कंपनियों को शामिल करने की बात कही थी। 2003 में तकनीकी दक्षता के मामले में यूरोकॉप्टर ही तय मानदंडों पर खरा उतरा। तब मिश्रा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की और उनसे मिलकर टेंडर में और बोलीदाताओं को शामिल करने का आग्रह किया। इस मुलाकात के बाद हेलीकॉप्टर की ऊंची उड़ान क्षमता को घटाकर छह हजार मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर दिया गया। फैक्टशीट के मुताबिक, इसके बाद नया टेंडर निकाला गया और तीन विदेशी कंपनियों में अगस्तावेस्टलैंड का अंतिम रूप से चयन किया गया और इस पर कैबिनेट की अंतिम मुहर 18 जनवरी 2010 को लगी।
हेलीकॉप्टर डील मामला: सरकारी फैक्टशीट में राष्ट्रपति का नाम भी शामिल
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Updated : 2013-02-15T05:30:00+05:30
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