इस बार नहीं गवांऊंगा मौका : धवन

नई दिल्ली। नौ साल पहले प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण के बाद भी भारतीय क्रिकेट टीम में स्थायी सदस्य नहीं बन पाने पर शिखर धवन ने दुख जताया। उन्होंने कहा इसके पीछे उनका लगातार प्रदर्शन नहीं कर पाना मुख्य कारण होगा लेकिन अब जब टेस्ट टीम में मौका मिला है तो इसे नहीं खोने दूंगा।
शिखर धवन ने कहा कि जब पिछले साल वेस्टइंडीज दौरे पर गये थे तब भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाना दुखद था। मेरे लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकने के खामियाजे के तौर पर टीम में स्थान नहीं मिल सका, यही वजह है कि पांच वनडे से ज्यादा नहीं खेल पाया हूं। धवन के करियर रिकार्ड पर नज़र डाले तो उन्होंने पांच वनडे में 69 रन बनाये जिसमें एक अर्धशतक शामिल है, वहीं 81 प्रथम श्रेणी मैचों में 5679 रन बना चुके हैं। धवन ने कहा कि इस सत्र में चार प्रथम श्रेणी शतक समेत 833 रन बनाने के बाद वह चयन की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘ईरानी कप से पहले मैं चयन के बारे में नहीं सोच रहा था क्योंकि ऐसा मैं पहले कई बार कर चुका था। मैने खुलकर बल्लेबाजी की और शतक भी बना सकता था। इस सत्र में मैने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है।’
इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि अभ्यास मैच में इंग्लैंड के खिलाफ बनाये नाबाद 110 रन का उन्हें फायदा मिला। अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों के सामने रन बनाने से आत्मविश्वास बढता है। मुझे स्टीफन फिन, जेड डर्नबाक, स्टुअर्ट मीकर या जेम्स ट्रैडवेल को खेलने में दिक्कत नहीं आई। धवन ने 2010-11 के सत्र में रेलवे के खिलाफ दिल्ली के लिये खेलते हुए गैर जिम्मेदाराना शाट पर विकेट गंवाया था। जीत के लिये 136 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली मैच हार गई थी।
दिल्ली के कप्तान ने कहा कि उस मैच के बाद मेरी जितनी आलोचना हुई, उतनी कभी नहीं हुई। उससे बल्लेबाजी के प्रति मेरा रवैया बदल गया। इसलिये महाराष्ट्र के खिलाफ 270 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अपने प्रदर्शन से मैं खुश हूं।’ सुरेश रैना जैसे उनके समकालीन खिलाड़ी खेल के एक प्रारुप में खुद को स्थापित कर चुके हैं लेकिन धवन को कोई खेद नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले छह सात साल से भारत-ए के लिये खेल रहा हूं लेकिन मुझे पता है कि सीनियर टीम बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। जब आपकी मुख्य टीम अच्छा खेल रही हो तो आपको प्रतीक्षा करना आना चाहिये और मैं वही कर रहा था।



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