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जनमानस

लोकतंत्र पर कलंक है साम्प्रदायिक दंगा विधेयक


हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिक दंगा विधेयक कांग्रेस सरकार का एक ऐसा घूर्ततापूर्ण हिन्दू विरोधी राजनीतिक षड्यंत्र है, जिससे मात्र हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि पूरा राष्ट्र स्तब्ध है। पूरे देश में हर तरह से विफल कांग्रेस सरकार मात्र अपनी साख बचाने के लिए अब मुसलमानों को सम्बल बना कर उन्हें लुभाने के लिए जिस तरह का घृणित कार्य करने जा रही है, यह किसी भी लोकतंत्र के लिए किसी कलंक से कम नहीं। यह देश के समस्त हिन्दुओं के अधिकारों को कुचलने का प्रयास है।
पूरी तरह दुर्गति को प्राप्त कांग्रेस की यह नीति 'हम तो डूबेंगे सनम, पूरे देश को ले डूबेंगे के तहत इसी शीतकालीन सत्र में कांग्रेस अपने इस अधिनियम को पारित करने का पुरजोर प्रयास कर रही है। इस अधिनियम के पारित होते ही देश का हिन्दू समाज पूरी तरह बेबस और लाचार हो जाएगा। इस अधिनियम के तहत दंगा चाहे जो भी करे दोषी केवल हिन्दुओं को ही माना जाएगा। हालांकि संप्रग सरकार ने इस विधेयक को काफी पहले ही लाने का प्रयास किया था, लेकिन देश के हिन्दूवादी संगठन और संसद की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के कड़े विरोध के कारण वर्तमान केन्द्रीय सरकार इस विधेयक रूपी जिन्न को बोतल में बन्द करने के लिए बाध्य हो गई थी।
चारों ओर से हार का मुंह देख खिसियानी बिल्ली की स्थिति में कांग्रेस आज असमंजस में है। उसे यह भी नहीं पता कि वह क्या करे या क्या न करे। इसी खीज में उसने मुजफ्फरनगर दंगे के बाद इसके तह तक जाने के बजाय पुन: इस हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिक दंगा विधेयक रूपी जिन्न को बोतल से निकालने का दुस्साहस किया है। निश्चित ही उसका यह कदम सम्प्रग सरकार की कब्र को और भी गहरा करने में सहायक होगा।
देश की जनता को साम्प्रदायिक हवा दे कर अपना उल्लू सीधा करने वाली कांग्रेस सरकार को अब इस भुलावे से बाहर आ जाना चाहिए, क्योंकि अब लोग पहले जैसे नहीं रहे। वे किसी भी लोकतंत्र की परिभाषा को अच्छी तरह जानने और समझने लगे हैं। हाल में चार विधान सभाओं का परिणाम इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। जिसने संप्रग के अस्तित्व को पूरी तरह खारिज कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं की बदहाली तथा कश्मीरी पंडितों की दुर्गति इसके लिए कौन जिम्मेदार है। यह कांग्रेस द्वारा वहां दी गई मुसलमानों के विशेषाधिकार की ही देन है। आज वहां की सत्ता भी वहां के कट्टरपंथी अलगाववादियों के समक्ष घुटने टेक रही है। केन्द्र सरकार द्वारा हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिक दंगा विधेयक के माध्यम से पूरे देश में जम्मू-कश्मीर की तरह अस्थिरता कायम करना चाहती है। जिसे कोई भी राष्ट्रवादी तथा लोकतंत्र का पुजारी कभी बरदाश्त नहीं कर सकता।

प्रवीण प्रजापति, ग्वालियर

Updated : 12 Dec 2013 12:00 AM GMT
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