गुवाहाटी। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में उस प्रस्ताव को ही रद्द कर दिया जिसके तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो का गठन किया गया था। साथ ही यह भी कह दिया है कि सीबीआई की सारी कार्रवाइयां 'असंवैधानिक' हैं। वहीं केंद्र सरकार ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का निर्णय किया है।
न्यायाधीश आई.ए अंसारी तथा इंदिरा शाह की बेंच ने यह फैसला उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा वर्ष 2007 में दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए नावेन्द्र कुमार द्वारा दायर रीट याचिका पर दिया। वर्ष 2007 में सीबीआई के गठन करने वाले प्रस्ताव के संबंध में फैसला दिया गया था। अदालत ने कहा, 'इसलिए हम 1.04.1963 के उस प्रस्ताव को रद्द करते हैं जिसके जरिए सीबीआई का गठन किया गया था। हम यह भी फैसला देते हैं कि सीबीआई न तो दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) का कोई हिस्सा है और न उसका अंग है और सीबीआई को 1946 के डीएसपीई अधिनियम के तहत गठित 'पुलिस बल' के तौर पर नहीं लिया जा सकता।' यह भी कहा कि अपराध की जांच करने वाली ऐसी एजेंसी जिसके पास पुलिस बल की शक्तियां हों, उसकी स्थापना केवल एक कार्यकारी निर्देश के जरिये नहीं की जा सकती। इतना ही नहीं उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय का उपरोक्त प्रस्ताव 'न तो केंद्रीय कैबिनेट का फैसला था और न ही इन कार्यकारी निर्देशों को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दी थी। इसलिए संबंधित प्रस्ताव को अधिक से अधिक एक विभागीय निर्देश के रूप में लिया जा सकता है जिसे 'कानून' नहीं कहा जा सकता'।
सीबीआई गठन: गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देगा केंद्र
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Updated : 2013-11-08T05:30:00+05:30
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