भारत की नजरें श्रृंखला जीतने पर

भारत की नजरें श्रृंखला जीतने पर
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कानपुर | ग्रीन पार्क स्टेडियम भारत के लिए काफी भाग्यशाली रहा है। इस मैदान पर भारत ने अब तक कुल 10 मैच खेले हैं। इनमें से आठ में उसकी जीत हुई है। अब जबकि बुधवार को भारत को वेस्टइंडीज के साथ यहां तीसरा मैच खेलना है, महेंद्र सिंह धौनी की टीम इस मैदान पर हैट्रिक के साथ मौजूदा श्रृंखला जीतना चाहेगी। तीन मैचों की श्रृंखला में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। भारत ने कोच्चि में जीत हासिल करते हुए 1-0 की बढ़त बनाई थी लेकिन वेस्टइंडीज ने विशाखापट्टनम में जीत के साथ बराबरी कर ली।
भारत ने कानपुर में अंतिम मैच 2008 में खेला था। उसने उस मैच में इंग्लैंड को 16 रनों से हराया था। उससे पहले भारतीय टीम ने नवम्बर, 2007 में पाकिस्तान को इस मैदान पर 46 रनों से पटखनी दी थी। इस मैदान पर भारत को पाकिस्तान और वेस्टइंडीज से हार मिली है।
वेस्टइंडीज के लिए यह मैदान भारत से अधिक भाग्यशाली रहा है। इस टीम ने इस मैदान पर दो मैच खेले हैं और दोनों में ही उसे जीत मिली है। 1994 में वेस्टइंडीज ने यहां भारत को 46 रनों से हराया था और उससे पहले 1987 विश्व कप में उसने श्रीलंका को 25 रनों से शिकस्त दी थी। आंकड़ें चाहें जो भी कहानी बयां करें लेकिन भारत के लिए कैरेबियाई टीम से पार पाना मुश्किल होगा। डारेन सैमी ने जिस तरह अपनी टीम को जीत दिलाई और जिस तरह से चार बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाए, उससे जाहिर है कि कैरेबियाई बल्लेबाज लय में लौट चुके हैं।
भारत के लिए इस मैच में टॉस जीतना बेहद जरूरी होगा क्योंकि टॉस हारने की सूरत में कैरेबियाई टीम एक बार फिर गेंदबाजी करना पसंद करेगी क्योंकि कानपुर में ओस खूब गिरती है और इस कारण भारतीय गेंदबाजों को खासी परेशानी हो सकती है।
विशाखापट्टनम में मैच के अंतिम क्षणों में ओस गिरनी शुरू हो गई थी और इस कारण भारतीय गेंदबाजों ने खूब गलतियां की। गीली गेंद से भुवनेश्वर ने फुलटॉस गेंदें फेंकी, जो आमतौर पर वह नहीं फेंकते। ऐसे में कप्तान धौनी की नजर सबसे पहले टॉस पर होगी।
प्रदर्शन के लिहाज से भारत को अपनी गेंदबाजी में सुधार करना होगा क्योंकि अंतिम मैच से यही एक कमजोर कड़ी सामने आई है। कोच्चि में हालांकि गेंदबाजों ने ही भारत का काम आसान किया था लेकिन कानपुर के हालात कोच्चि से बिल्कुल भिन्न होंगे और गेंदबाजों को नए सिरे से शुरूआत करनी होगी।
टीमें :
भारत : महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, सुरेश रैना, युवराज सिंह, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद समी, भुवनेश्वर कुमार, रवींद्र जडेजा, मोहित शर्मा।
वेस्टइंडीज : ड्वेन ब्रावो (कप्तान), कीरन पॉवेल, डारेन ब्रावो, जानसन चार्ल्स, जेसन होल्डर, सुनील नरेन, वीरासैमी परमॉल, रवि रामपाल, डारेन सैमी, मार्लन सैमुएल्स,एल सिमंस ।

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