उत्तराखंड: बाबा रामदेव के ट्रस्ट पर दर्ज हुए 81 मामले

उत्तराखंड: बाबा रामदेव के ट्रस्ट पर दर्ज हुए 81 मामले
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देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट पर भूमि कानूनों के उल्लंघन के 81 मामले दर्ज किए हैं। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बुधवार को बताया कि रामदेव के योगपीठ ट्रस्ट ने पिछले कुछ सालों के दौरान भूमि कानूनों को जमकर उल्लंघन किया और हरिद्वार की जिलाधिकारी निधि पांडे ने ट्रस्ट की जमीनों को राज्य सरकार में निहित करने के लिए जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार (जेडएएलआर) कानून के तहत कुल 27 मामले दर्ज किए हैं।
उन्होंने बताया कि कम स्टांप शुल्क चुकाकर प्रदेश के राजकोष को करीब 10 करोड़ रुपये का चूना लगाने के लिए ट्रस्ट के खिलाफ 52 मामले तथा दो अन्य मामले भी दर्ज किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पतंजलि योगपीठ के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया गतिमान है और अगले एक सप्ताह में ट्रस्ट के खिलाफ और भी मामले दर्ज होने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में योगपीठ ट्रस्ट ने हरिद्वार जिले के दो गांवों शंतरशाह और औरंगाबाद, में ग्रामसभा और सरकार की 7.766 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया। ताजा कार्रवाई में पतंजलि योगपीठ समेत बाबा के सभी प्रमुख संस्थानों को जद में लिया गया है। स्टांप ड्यूटी चोरी मामलों को लेकर प्रशासन ने रामदेव के दिव्ययोग मंदिर ट्रस्ट, मै. पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और पतंजलि विश्वविद्यालय को कार्रवाई की जद में लिया है।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए बाबा रामदेव के समर्थकों ने जमकर सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली है। लोगों ने कहना है कि योग के जरिये भारत का नाम पूरी दुनिया में मशहूर करने वाले बाबा रामदेव को जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। वह गलत नहीं है, उन्हें सरकार के खिलाफ बोलने की सजा मिली है।
कुछ समर्थकों ने तो यहां तक लिख दिया है कि उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार बदले की राजनीति कर रही है, अगर आज बाबा रामदेव कांग्रेस का प्रचार करने लगे तो कांग्रेस उनका गुणगान करने लगेगी। बाबा रामदेव को फंसाया जा रहा है जिसका जवाब जनता, सरकार को जरूर देगी।

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