आधार कार्ड पर उच्चतम न्यायलय ने केन्द्र की पुनर्विचार अर्जी की खारीज

आधार कार्ड पर उच्चतम न्यायलय ने केन्द्र की पुनर्विचार अर्जी की खारीज
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नई दिल्ली। आधार कार्ड पर अपने पुराने निर्णय को बदलने से उच्चतम न्यायालय ने इंकार कर दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी। सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह निर्देश दिया।
न्यायलय ने पहले कहा था कि जरूरी सेवाओं के लिए आधार नंबर या आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता है। इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अर्जी दी थी और इसे बदलने की मांग की थी।
सरकार का तर्क है कि आधार पर यदि फैसला नहीं बदला गया तो कई सरकारी स्कीमों को झटका लग सकता है। कैश सब्सिडी योजना के तहत ‌सरकार कई योजनाओं में आम लोगों को सीधे उसके खाते में सब्सिडी का पैसा देने जा रही है। इन योजनाओं को लाभ लेने के लिए बैंक खाते से आधार नंबर जोड़ने का प्रावधान है। जबकि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आधार कार्ड नहीं होने की स्थिति में देश कि किसी भी नागरिक को परेशानी नहीं होनी चा‌हिए, क्योंकि यह एक स्वैच्छिक योजना है। पीठ ने केंद्र से पूछा था कि क्या आप अवैध विस्थापितों को भी यह कार्ड मुहैया कराएंगे।

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