उत्तराखंड त्रासदी से सही सबक लेने की जरूरत: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली | उत्तरखंड त्रासदी से सही सबक लेने की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि देश को ऐसी आपदाओं को रोकने और इसके दुष्परिणामों से बचने के लिए अपने आप को पूरी तरह से तैयार करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) के नौवें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश कई तरह की प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं के खतरों का सामना कर रहा है। हम सभी इस बात से अवगत हैं कि ऐसी अपदाएं पूर्व में भी हमारे देश के समक्ष आई हैं। हाल के वर्षों में भी वैश्विक स्तर पर कठिन मौसम संबंधी घटनाओं की तीव्रता एवं ऐसी घटनाओं की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
सिंह ने कहा कि जून में उत्तराखंड त्रासदी के कारण जानमाल एवं सार्वजनिक आधारभूत संरचना का काफी नुकसान हुआ और यह इस बात की ओर इशारा करता है कि न केवल भारत ऐसी आपदाओं के खतरों का सामना कर रहा है, बल्कि इन्हें रोकने और इनके दुष्परिणामों से बचने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम उत्तराखंड त्रासदी से सही सबक लें। सिंह ने कहा कि ऐसी आपदाओं से सतत वद्धि और अर्थव्यवस्था के विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है क्योंकि ऐसे नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए दुर्लभ संसाधनों को लगाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि हम अपदाओं से जुड़े खतरों को कम करने की रणनीति को मुख्यधारा से जुड़ी विकासात्मक पहलों से जोड़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा साझा प्रयास हमारी संस्थाओं और समुदायों के बीच पर्याप्त क्षमताओं का विकास सुनिश्चित करना होना चाहिए, ताकि ऐसी आपदाओं के दुष्परिणाम को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए हमें समाज के कमजोर वर्ग के लोगों पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए जो आपदाओं से बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड सरकार को आधारभूत संरचना का पुनर्निर्माण करने और बाढ से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कैबिनेट कमिटी का गठन किया गया है, जो विशेष रूप से आपदा प्रभावित राज्य का व्यापक मार्गदर्शन करने और पुनर्निमाण एवं पुनर्वास कार्यों में मदद करेगी।