आंध्र प्रदेश में भारी बारिश, 12 लोगों की मौत

आंध्र प्रदेश में भारी बारिश, 12 लोगों की मौत
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हैदराबाद | पश्मित्तर मानसून और बंगाल की खाड़ी के उपर कम दबाव के क्षेत्र के कारण आंध्र प्रदेश में लगातार चौथे दिन भारी बारिश हुई जिसके कारण अधिकारियों को निचले इलाकों से हजारों लोगों को हटना पड़ा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य में वर्षा जनित विभिन्न हादसों से 12 लोगों की मौत हो गई है और कल तक 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि में फसलें नष्ट हो गई हैं। खासकर तटीय आंध्र और रायलसीमा में निचले इलाकों में स्थित कई शहर और कस्बों में पानी भरा हुआ है। बारिश से सैकड़ों घर तबाह हो जाने के कारण कई लोग बेघर हो गए हैं। हजारों लोगों को उनके घरों से निकालकर आपातकालीन राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
गुंटूर जिला कलेक्टर ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर है क्योंकि पूरा डेल्टा क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। उन्होंने बताया कि गुंटूर जिले में 11,000 लोगों को बारिश से तबाह हुए गांवों से बाहर निकाला गया और उनके लिए 36 राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर ने बताया कि बाढ के कारण चिलाकालुरिपत और येदलापादु में कल से फंसे छह लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मदद से बचा लिया गया। कृष्णा नदी में बाढ का पानी भारी मात्रा में आने के मद्देनजर बंगाल की खाड़ी में 1.18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए विजयवाड़ा में प्रकाश बैरेज के 70 फाटकों को खोल दिया गया है।
श्रीकाकुलम जिले में 45,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया है। उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के कारण बस और रेल सेवाएं बाधित हो गई हैं। हैदराबाद और तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों में भी पिछले कुछ दिनों हो रही भारी बारिश के कारण सड़कों और कई रिहायशी कॉलोनियों में पानी भर गया है जिससे यातायात बाधित हो गया है।
बारिश के कारण विशाखापट्टनम और भुवनेश्वर के बीच रेल सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। पूर्वी गोदावरी जिले के काकीनाडा में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने श्रीकाकुलम, प्रकाशम, गुंटूर और अन्य जिलों के कलेक्टरों से कल रात बात की और उन्हें राहत अभियानों, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत के लिए अन्य कदम उठाने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
उन्होंने मुख्य सचिव से भी बचाव और राहत अभियानों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, अग्निशमन और अन्य आपातकालीन सेवाओं के कर्मियों का सहयोग करने को कहा है। 

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