हजार बिस्तर के अस्पताल निर्माण के बाद जयारोग्य बन जाएगा संरक्षित इमारत

हजार बिस्तर के अस्पताल निर्माण के बाद जयारोग्य बन जाएगा संरक्षित इमारत
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ग्वालियर | गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जयारोग्य अस्प$img_titleताल भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए बंद पड़ी ग्वालियर पॉटरीज की भूमि पर एक हजार बिस्तर का नवीन भवन बनना प्रस्तावित है। प्रस्तावित अस्पताल भवन के बनते ही जयारोग्य अस्पताल के मरीजों को नवीन अस्पताल भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। खाली होने वाली जयारोगय अस्पताल की वर्तमान इमारत को संरक्षित ऐतिहासिक इमारत के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। हालांकि लोक निर्माण विभाग द्वारा इस इमारत को जर्जर तथा असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद इसे संरक्षित इमारतों की श्रेणी में माना गया है। शासन, प्रशासन और महाविद्यालय की अधिष्ठाता द्वारा वर्तमान में किए जा रहे प्रयास अगर इसी प्रकार जारी रहे तो अनुमान लगाया जा सकता है कि हजार बिस्तर का अस्पताल भवन आगामी दो-तीन वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा।
बदलेगा भवन का नक्शा : एक हजार बिस्तर के अस्पताल का प्रस्ताव आने के बाद करीब 12 वर्ष पूर्व गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा जयारोग्य अस्पताल समूह के प्रस्तावित भवन का नक्शा तैयार कराया गया था। यह नक्शा भार्गव बिल्डिंग अटलायर्स लिमिटेड ग्वालियर द्वारा तैयार किया गया था। इस पुराने नक्शे के अनुसार अस्पताल भवन अंग्रेजी के सी आकार में एवं बहुमंजिला बनाया जाना था। वर्ष 2009 में इस भवन की प्रस्तावित लागत 116 करोड़ आंकी गई थी। जयारोग्य प्रबंधन चाहता है कि ग्वालियर में प्रस्तावित अस्पताल भवन देश के अन्य बड़े अस्पतालों की तर्ज पर भव्य और अत्याधुनिक बने। अस्पताल में मरीजों के लिए अत्याधुनिक संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। कम से कम स्थान पर बहुमंजिला भवन तैयार कर इस स्थान का अधिक उपयोग किया जा सके। इस कारण अब अस्पताल के नक्शा और आकार में परिवर्तन किया जाएगा। इस भवन का नक्शा अब अस्पताल भवनों के विशेषज्ञ आर्किटेक्ट से तैयार कराया जाएगा। भवन होगा बड़ा मगर बिस्तर होंगे हजार :- जयारोग्य अस्पताल के स्थान पर तैयार किया जा रहा हजार बिस्तर का अस्पताल भवन अब आवश्यकता से बड़ा बनाया जाएगा। वार्डों को वर्तमान आवश्यकता से अधिक मरीज संख्या का बनाया जाएगा। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. श्रीमती अग्रवाल बताती हैं कि भविष्य में महाविद्यालय में विभिन्न विभागों की सीट संख्या के बढऩे की संभावना के चलते किया जा रहा है। जब तक सीट संख्या यथावत रहेगी अस्पताल में बिस्तर एक हजार ही रहेंगे। 

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