आज शाम टूटेगा टीम अन्ना का अनशन

आज शाम टूटेगा टीम अन्ना का अनशन
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नई दिल्ली।
पिछले पाच दिन से अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजा$img_titleरे शुक्रवार शाम पाच बजे अनशन तोड़ देंगे। पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह के हाथों नारियल का पानी या नींबू का जूस पीकर टीम अन्ना के सदस्य अनशन तोड़ेगे। देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए टीम अन्ना दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले 10 दिन से अनशन पर हैं, जबकि अन्ना के अनशन का आज छठा दिन है। टीम अन्ना की निगाहें अब 2014 के लोकसभा चुनाव पर टिकी हुई नजर आ रही हैं। टीम अन्ना ने राजनीति को एक विकल्प के तौर पर लेने का फैसला किया है। सरकार के सामने अनशन करना उनके लिए अब समय की बर्बादी स्वरूप हो गया है। इसलिए सभी अनशनकारी शुक्रवार शाम पांच बजे अपना अनशन समाप्त कर देंगे। अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल ने इस बात का एलान कर दिया है। यह फैसला उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष पर रहे लोगों की ओर से की गई अपील के बाद किया है। इस अपील में कहा गया था कि वे इस सरकार के सामने अपनी जान देने की बजाय बेहतर राजनीतिक विकल्प तलाश करें। अन्ना ने साफ कर दिया है कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि जनता के बीच से साफ-सुथरे उम्मीदवारों को खोजना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि लोगों ने उनसे वादा किया है कि वे जाति-धर्म और पैसों के आधार पर वोट नहीं डालेंगे। वे इस वादे पर यकीन करके ही चुनावी पहल कर रहे हैं। उन्होंने एक विकेंद्रित, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष विकल्प देने का वादा भी किया है। वहीं, केजरीवाल ने कहा, उम्मीदवारों का चयन एक मुद्दा है। हम आशंकित हैं कि कहीं हमारा विकल्प भी मौजूदा व्यवस्था की तरह न हो जाए। इससे पहले पिछले आठ दिन से अनशन पर बैठी टीम अन्ना को बृहस्पतिवार की सुबह पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह और धर्मगुरू श्री श्री रवि शंकर सहित बड़ी संख्या में समाज के विभिन्न क्षेत्र के शीर्षस्थ लोगों ने अनशन तोड़ कर चुनावी क्रांति शुरू करने की अपील की। इनमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह, जनरल वी के सिंह,वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर और जस्टिस संतोष हेगड़े सहित सुप्रीम कोर्ट के कई रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। इसी तरह मैगसायसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे और एकता परिषद के पीवी राजगोपाल जैसे कई सामाजिक कार्यकर्ता, योगेंद्र यादव जैसे समाजशास्त्री, ईएएस सरमा जैसे वरिष्ठ प्रशासनिक पदों से रिटायर्ड हुए अफसरों ने भी टीम अन्ना से राजनीति को नई दिशा देने की अपील की है। टीम अन्ना की मांग को बिल्कुल अनसुना करने के लिए इन लोगों ने सरकार और विपक्ष दोनों को बराबर का दोषी बताया है। इन्होंने लिखित बयान जारी कर कहा है कि यह देश के लिए बेहद दुर्भाग्य की बात है कि राजनीतिक तंत्र ने टीम अन्ना की मांग मानना तो दूर, इसे सुनने तक से इन्कार कर दिया है। राजनीतिक तंत्र पूरी तरह असंवेदनशील हो गया है। इन साहसी और निस्वार्थ समाजसेवियों को इसके सामने अपनी सेहत और जिंदगी दाव पर नहीं लगानी चाहिए। वह इस सत्ता से उम्मीद छोड़ अपनी ऊर्जा एक वैकल्पिक राजनीतिक ताकत तैयार करने में लगाएं। इन शीर्षस्थ लोगों ने देश के आम लोगों से भी अपील की है कि अगर टीम अन्ना इस चुनौती को स्वीकार करती है तो वे इनका साथ देने के लिए सामने आएं।

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