आवंटन में मिला कांग्रेस को मोटा माल: भाजपा

कोयला आवंटन मामले में प्रधानमंत्री के बयान की राजनीतिक स्तर पर कड़ी आलोचना हो रही है और भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि कोयला आवंटन में हुए घोटाले में सरकार और कांग्रेस पार्टी दोनों शामिल हैं.लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की नेता सुषमा स्वराज़ ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कड़े तेवर अपनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बस अपने बयान में एक अच्छी बात कही है कि वो मंत्रालय की ज़िम्मेदारी लेते हैं और उन्हें नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देना चाहिए.सुषमा स्वराज का कहना था, '' प्रधानमंत्री अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी लें. जबानी जमा खर्च न करें. इस सरकार खजाने के घाटे की नैतिक ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री की बनती है. नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर इस्तीफा दें और सारे कोल ब्लॉक के आवंटन रद्द किए जाएं.''उनका कहना था, ''मैं आरोप लगाती हूं कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में जो भ्रष्टाचार हुआ है. इससे जो पैसा आया है वो कांग्रेस पार्टी को गया है सरकार को गया है. जांच हो इसकी निष्पक्ष तो पार्टी और सरकार दोनों एक ही कटघरे में मिलेंगे.''उनका कहना था कि प्रधानमंत्री बार बार ये श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं कि कि कांपिटिटिव बीडिंग की प्रक्रिया उन्होंने शुरु की लेकिन प्रधानमंत्री को श्रेय तब मिलता जब से प्रक्रिया जल्दी लागू होती.इस प्रक्रिया का फैसला 2004 में लिया गया और जारी करने में आठ साल से अधिक समय लिया गया.पार्टी ने आरोप लगाया कि जितनी जल्दी नीति लाने में हुई उससे अधिक जल्दी कोयला के ब्लॉक आवंटित करने में जल्दी हुई. सरकार ने चार वर्षों में 142 कोयला ब्लॉक आवंटित किए जबकि इन्हीं चार वर्षों में राज्य सरकारों ने करीब 70 कोयला ब्लॉक आवंटित किए.प्रधानमंत्री के बयान में शेर के जवाब में सुषमा का कहना था, ‘‘जब आदमी सवालों के जवाब से खुद बेआबरु होने का खतरा रहता है तो आदमी चुप रहता है.’’