चांद फतह करने वाले आर्मस्ट्रांग का निधन

चांद फतह करने वाले आर्मस्ट्रांग का निधन


$img_titleचांद पर पहली बार कदम रखने वाले अमेरिका के पूर्व अंतरिक्ष यात्री नील एल्डेन आर्मस्ट्रांग का आज यहां शनिवार को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। आर्मस्ट्रांग के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार चांद फतह करने वाले इस महामानव की चक्रीय धमनी में थक्का जमने की शिकायत के बाद इसके उपचार के लिए इसी माह उनकी दिल की बाईपास सर्जरी हुई थी। वह अमेरिकी अंतरिक्ष शोध एजेंसी नासा के अपोलो 11 मिशन के कमांडर के तौर पर 20 जुलाई 1969 को चांद पर पहुंचे थे।चांद पर कदम रखने के बाद आर्मस्ट्रांग ने कहा था, 'यह एक मानव का छोटा कदम भले हो पर मानव जाति के लिए एक बडी छलांग है।' उनकी यह पंक्ति अब भी अंग्रेजी भाषा के अब तक की सर्वाधिक उक्तियों व उद्धरणों में शुमार है।जिस समय वह चांद की सतह पर उतरे थे, उनके हृदय में प्रति मिनट 150 तक की धड़कन रिकार्ड की गयी थी जो सामान्य स्थितियों के मुकाबले लगभग दो गुना थी। लेकिन कई वर्षों बाद जब उनसे पूछा गया कि चांद पर अपने कदमों के निशान हजारों वर्षों तक अक्षुण्ण रह पाने के बारे में सोचकर वह क्या महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे इस तरह की उम्मीद है कि कोई वहां जाएगा और पुराने इतिहास का सफाया करे देगा।' 

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