ईएमआई का बोझ हो सकता है कम
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नई दिल्ली | अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए निवेश में वृद्धि को जरूरी बताते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को बैंकों को ब्याज दरें कम करने को कहा ताकि मध्य वर्ग पर ईएमआई का बोझ हल्का हो। साथ ही, उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट कोटे के तहत दाखिला पाने वाले छात्रों को भी एजुकेशन लोन मिलेगा। अगर कोई बैंक अधिकारी बिना किसी वजह के एजुकेशन लोन देने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। चिदंबरम ने कहा कि यदि ईएमआई कम हुई तो कार, दोपहिया जैसे टिकाऊ उत्पादों की मांग बढ़ेगी और विनिर्माण क्षेत्र गति पकड़ेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सीईओ के साथ बैठक के बाद चिदंबरम ने कहा कि ऊंची ईएमआई के चलते उपभोक्ताओं ने खरीदारी का फैसला टाल दिया है। इसलिए बैंकों को उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाना चाहिए। यह पूछने पर कि ब्याज दरें घटाए बिना ईएमआई कैसे कम होगी, उन्होंने कहा जब एसबीआई ईएमआई कम कर सकता है तो बाकी बैंक क्यों नहीं। उन्होंने उद्योग जगत से अपील की कि वह निवेश छह माह टालने के बजाय अभी करें। हाउसिंग सेक्टर पर वित्त मंत्री ने कहा कि सिर्फ मुंबई में पांच लाख मकान खाली हैं। ऐसे में सरकार ने आईबीए से एक समूह गठित कर मकानों की मांग, अधूरे पड़े मकान और खाली पड़े मकानों पर रिपोर्ट मांगी है। आईबीए की रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार कोई फैसला करेगी।
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