पूर्वोत्तर के लोगों को संसद ने एक सुर में दिया भरोसा, आप हमारे हैं, डरिए मत

पूर्वोत्तर के लोगों को संसद ने एक सुर में दिया भरोसा, आप हमारे हैं, डरिए मत


$img_titleनई दिल्ली:
देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों पर अफवाहों और दहशत का साया इस कदर हावी है कि तमाम भरोसों के बावजूद इनका पलायन जारी है।असम और पूर्वोत्तर के लोगों के इस पलायन के मुद्दे पर आज लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्य काफी संवेदनशील हैं। असम के कोकराझार या फिर दूसरे राज्यों में जो घटनाएं हुईं, इन घटनाओं का प्रयोग अफवाह फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए, क्योंकि देश की एकता और अखंडता दांव पर लगी है। प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि पूरा देश उनके साथ है और अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने केंद्र सरकार को इस बाबत जल्द से जल्द कदम उठाने की बात कही है। साथ ही उन्होंने केंद्र से हेल्पलाइन नंबर जारी करने की भी मांग की है। वहीं जेडीयू के नेता शरद यादव ने टि्वटर और फेसबुक पर रोक लगाने की मांग की है।बेंगलुरु, मुंबई, पुणे और हैदराबाद समेत अन्य जगहों पर अफवाहों का बाजार इतना गर्म है कि बीते 24 घंटों में असम समेत पूर्वोत्तर के करीब 12 हजार इन शहरों को छोड़कर अपने राज्यों को लौट चुके हैं। इन्हें सोशल मीडिया के अलावा एसएमएस के जरिये अफवाहों से भरे संदेश भेजे जा रहे हैं, जिससे पूर्वोत्तर के लोगों में लौटने की होड़ मची हुई है।कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि इन अफवाहों के पीछे किसका हाथ है। एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान जगदीश शेट्टार ने लोगों को भरोसा दिलाया कि वे राज्य में पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है। इधर, केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने कहा है कि असम में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हमें मामले की जांच करनी होगी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में भी हालात नियंत्रण में हैं।



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