भारतीय मुक्केबाजों के लिए पदक जीतने का अच्छा मौका

लंदन ओलंपिक में इस बार भारतीय मुक्केबाजों के पास पदक जीतने का सुनहरा मौका है.लंदन ओलंपिक में इस बार भारत का अब तक का सबसे बड़ा मुक्केबाजी दल भाग ले रहा है.
भारतीय प्रतिनिधित्व : इसमें महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (51 किलो) सहित कुल आठ मुक्केबाज भाग ले रहे हैं. भाग लेने वाले पुरुष मुक्केबाज हैं- विजेंदर (75 किलो), विकास कृष्णन (69 किलो), शिवा थापा (56 किलो), एल देवेंद्रो सिंह (49 किलो), सुमित सांगवान (81 किलो), जयभगवान (60 किलो) और मनोज कुमार (64 किलो).
पोस्टर ब्वाय : विजेंदर को भारतीय मुक्केबाजी का पोस्टर ब्वाय माना जाता है. भारतीय मुक्केबाजी को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका रही. वह भले ही आखिरी क्वालीफायर में लंदन का टिकट कटा सके हैं. लेकिन वह दो ओलंपिक में पदक जीतने वाले मुक्केबाज के तौर पर ख्याति बनाने में कोई कसर छोड़ने वाले नहीं हैं.
पदक के अन्य दावेदार : युवा मुक्केबाज विकास कृष्णन और शिवा थापा को पदक जीतने का मजबूत दावेदार माना जा रहा है. विकास विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2010 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. वहीं शिवा थापा युवा विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुके हैं और उन्होंने अपने पहले सीनियर टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन को हराकर अपने इरादों की झलक पहले ही दे दी थी. इसलिए दोनों से ही पदक जीतने की उम्मीद की जा सकती है.
मैरीकॉम का जलवा : ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की इकलौती महिला मुक्केबाज मैरीकॉम पांच बार विश्व चैंपियन बन चुकी हैं. लेकिन वह पहली बार ओलंपिक में शामिल हुई महिला मुक्केबाजी में भी पदक जीतना चाहती हैं. उनका कहना है कि पदक का रंग कैसा भी हो इसका फर्क नहीं पड़ेगा.

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