भारत बंद से जनजीवन पस्त

भारत बंद से जनजीवन पस्त
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$img_titleनई दिल्ली|
पेट्रोल की कीमत में साढ़े सात रुपये की अभूतपूर्व वृद्धि के खिलाफ राजग और वामदलों के भारत बंद का गुरुवार को व्यापक असर देखने को मिला। बंद ने राजधानी समेत समूचे उत्तर भारत में गर्मी से बेहाल लोगों की परेशानी और बढ़ा दी। ज्यादातर राज्यों में रेल और सड़क परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ। देश के कुछ हिस्सों में सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। आड़े वक्त पर संप्रग सरकार के साथ खड़ी रहने वाली समाजवादी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश में बंद का आह्वान किया।


बंद समर्थकों ने कई जगहों पर रेलगाड़ियां रोकीं और बसों पर पथराव किया। राजधानी में ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने भी बंद का समर्थन किया। करीब 55 हजार ऑटो और 15 हजार टैक्सियां सड़कों पर नहीं उतरने से सुबह दफ्तर जाने या अन्य कामकाज के लिए बाहर निकले लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बसों और ट्रेनों के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। बाजार बंद रहे। बैंकों में कामकाज अन्य दिनों के मुकाबले सुस्त रहा। भाजपा नेता अनंत कुमार, मुख्तार अब्बास नकवी व विजय गोयल और वामपंथी नेताओं प्रकाश करात, एबी बर्धन और सीताराम येचुरी ने दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर गिरफ्तारियां दीं।

भाजपा शासित राज्यों मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, गोवा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में बंद का ज्यादा असर रहा। बेंगलूर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने तीन बसों में आग लगा दी और कई अन्य पर पथराव किया। इससे प्रशासन को बस सेवा बंद करनी पड़ी। राजग के सहयोगी दलों जद-यू ने बिहार, अकाली दल ने पंजाब और शिवसेना ने महाराष्ट्र में पेट्रोल मूल्यवृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बिहार में जद-यू नेता शरद यादव ने गिरफ्तारी दी।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बंद समर्थकों के पथराव में बेस्ट की करीब 80 बसों को नुकसान पहुंचा। पत्थर लगने से दो ड्राइवर भी घायल हो गए। यात्रियों को किसी नुकसान की खबर नहीं है। मुंबई के डब्बावालों ने बंद का समर्थन किया और दफ्तरों में खाने के डिब्बे नहीं पहुंचाए। फिल्म स्टूडियो भी बंद रहे। कुछ जगहों पर बंद की वजह से सूनी हुई सड़कों पर बच्चे क्रिकेट खेलते नजर आए। लेकिन, गोवा और पूर्वोत्तर के कई इलाकों में सड़कों पर जाम की वजह से पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

केरल, तमिलनाडु और कांग्रेस शासित हरियाणा में बंद का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और विपक्षी दल द्रमुक पेट्रोल मूल्यवृद्धि के खिलाफ पहले ही 29 व 30 मई को प्रदर्शन कर चुके हैं।

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