आपत्तिजनक कंटेंट हटाएं नहीं तो चीन की तरह प्रतिबंधित : अदालत

आपत्तिजनक कंटेंट हटाएं नहीं तो चीन की तरह प्रतिबंधित : अदालत
X

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आज गूगल, फेसबुक, याहू
$img_titleआदि 21 इंटरनेट साइटों और सर्च इंजन को निर्देश दिया कि वे 15 दिन के अंदर अपनी प्रणाली से आपत्तिजनक सामग्री हटा दें।
रोहिणी स्थित अदालत ने बेवसाइटों पर आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री पोस्ट किए जाने पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि उन्हें और समय नहीं दिया जाएगा। उन्हें यह सामग्री हटाकर 15 दिन के अंदर अपनी अमल रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। अदालत ने इससे पूर्व 24 दिसम्बर को इन बेवसाइटों को छह फरवरी तक सामग्री हटाने का निर्देश दिया था।
इस बीच सामाजिक सर्च बेवसाइट फेसबुक ने अदालत के पहले के निर्देश पर आज अपनी अमल रिपोर्ट दाखिल की। रोहिणी सिविल अदालत के न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने अदालत के निर्देश का सही उत्तर नहीं देने के लिए सर्च इजन गूगल पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि वह उचित जवाब दाखिल क्यों नहीं कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता मुफ्ती एजाज अरशद काजमी ने अदालत में यह मामला दायर किया है। वेबसाइटों के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री को लेकर राजधानी के एक पत्रकार विनय राय ने एक आपराधिक मामला भी दायर किया है जिस पर पटियाला हाउस अदालत में सुनवाई चल रही है। इस कार्यवाही को रुकवाने के लिए वेबसाइटों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की थी लेकिन उसने कार्यवाही रोकने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने तल्ख टिप्पणी की थी कि यदि वेबसाइटें आपत्तिजनक सामग्री हटाने की प्रणाली विकसित नहीं करती हैं तो उन्हें चीन की तरह प्रतिबंधित किया जा सकता है।


Next Story