'मैं जीना चाहती हूं मां'
नई दिल्ली। 16 दिसंबर रविवार की रात हैवानियत की शिकर हुई छात्रा जीना चाहती थी, मगर यह छात्रा जिन्दा नहीं रही, इस बहादुर लडकी की यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी। गौरतलब है सोमवार 17 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती हुई छात्रा की मौत से जंग जारी थी, तब तक पांच बार कोमा में जा चुकी इस पीडित छात्रा ने गजब की हिम्मत दिखाते हुए अपनी मां को एक संदेश लिखा है।उसने अपनी मां को लिखे संदेश में कहा है कि मैं जीना चाहती हूं मां...वह जीना चाहती है। मगर अफसोस 13 दिनों तक जिन्दगी और मौत के बीच लडाई लड रही इस छात्रा ने वाकई काफी हिम्मत दिखाई। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने भी ताज्जूब किया कि उन्होंने ऎसे केस आज तक नहीं देखे जिसमें इस तरह के हालात में लडकी को लाया गया हो। गौरतलब है कि वह बुरी तरह से जख्मी थी और उसकी छोटी आंत भी निकालनी पडी थी, मगर वह लगातार अपना मनोबल बनाए हुए थी।डॉक्टरों का कहना था, "लडकी की हालत बेहद खराब थी, लेकिन उसकी हिम्मत की तारीफ की जानी चाहिए। 40 मिनट तक गैंगरेप और उसके बाद एक घंटे तक रोड के किनारे पडे रहने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया।" सर्जरी के लिए ले जाने से पहले पीडित ने अपने मां और भाई से बात की थी। डॉक्टरों का मानना था कि वह लोगों से बात करना चाहती है और जीना चाहती है। लडकी की इसी भावना की वजह से उन्हें उसके इलाज में मदद मिल रही थी। शायद वह अपनी इसी भावना के दम पर जी भी लेती, लेकिन इंफेक्शन की वजह से जरूरी अंगों ने काम करना बंद कर दिया।