देश का भाग्य बदलने के लिए जनता को अपना जीवन बदलना पड़ता है.डॉ भागवत

देश का भाग्य बदलने के लिए  जनता को अपना जीवन बदलना पड़ता है.डॉ भागवत
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कोलकाता । भारत में आदर्श स्थापित करने वाले व्यक्तित्वों की कमी कभी नहीं रही। मास्टर जी का व्यक्तित्व भी कुछ ऐसा ही था जिन्होंने अपने कर्तृत्वों से आदर्शों की प्रकाशगंगा का प्रादुर्भाव करने के साथ-साथ लोगों को उन आदर्शों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित भी किया। उपरोक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने पश्चिम बंगाल के प्रथम प्रांत संघचालक केशवचन्द्र चक्रवर्ती (मास्टरजी) की स्मृति में कही।
मंगलवार को कोलकाता के महाजाति सदन में केशवचंद्र चक्रवर्ती जन्म शतवर्ष उद्यापंन समिति के तत्वावधान में आयोजित समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री भागवत ने कहा कि मास्टर जी ‘स्वान्त सुखाय और बहुजन हिताय‘ के सिद्धांत के साथ कांटों भरी राह पर मस्ती में चलने वाले कार्यकर्ता थे। उन्होंने संघचालक के रूप में उल्लेखनीय कार्य किया। स्वयंसेवकों के साथ आत्मीय संबंध रखने वाले मास्टरजी अत्यंत सहज और सरल थे। इसके साथ ही उनके स्वभाव में एक प्रकार की उत्कटता थी जो उनके द्वारा रचित गीतों में दृष्टिगोचर होती है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के बावजूद उन्होंने कभी प्रसिद्धि हासिल करने का प्रयास नहीं किया।
सरसंघचालक ने कहा कि आज की परिस्थितियां विकट हैं। पूरी दुनिया उल्टे राह चलेगी और हमे अपने साथ खींचने की कोशिश करेगी लेकिन, हमे अपने ही रास्ते चलना है, जो आसान कतई नहीं है। देश का भाग्य बदलने के लिए देश की जनता को अपना जीवन बदलना पड़ता है और मास्टरजी जैसे कार्यकर्ता लोगों को देशहित में अपना जीवन बदलने के लिए प्रेरित करते हैं। संघ में ‘व्यक्ति निर्माण‘ को इसीलिए इतना महत्व दिया जाता है ताकि मास्टरजी जैसे कार्यकर्ता लगातार समाज को सही राह दिखाते रहें। हमें मास्टरजी की विशेषताओं का अनुकरण करते हुए उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करना होगा।
समारोह के विशेष अतिथि व मास्टर जी के बालसखा रह चुके पूज्यपाद स्वामी देवानंद ब्रम्हचारी जी ने मास्टरजी से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए उन्हें राष्ट्रीय चरित्र करार दिया। उन्होंने कहा कि मास्टरजी अत्यंत सहज और सरल अंदाज में लोगों की बौद्धिक जिज्ञासाओं को शांत कर दिया करते थे। उन्होंने अपने कार्यों से पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित किया।
इससे पूर्व आयोजन समिति के सचिव प्रणव कुमार रक्षित ने जन्म शती वर्ष के दौरान मास्टरजी की स्मृति में राज्य भर में आयोजित किए गए कार्यक्रमो का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने केशव चंद्र चक्रवर्ती के जीवन पर आधारित एक स्मारिका का विमोचन किया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार व आयोजन समिति के अध्यक्ष रथीन्द्र मोहन बनर्जी ने की। समारोह में राष्ट्रीय सेविका समिति की पूर्व क्षेत्र कार्यवाहिका महुआ धर व संघ के पूर्व क्षेत्र संघचालक रणेन्द्र लाल बनर्जी विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।



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