नकारात्मक माहौल से देश की छवि को नुकसान-मनमोहन
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नई दिल्ली | भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नकारात्मक और निराशावादी माहौल बनाए जाने की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन का वादा किया, जिसके तहत कई अन्य कदम उठाने के साथ ही रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने में कॉरपारेट नाकामी को एक नए अपराध के तौर शामिल किया जाएगा उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नकारात्मकता एवं निराशावाद का जो विचारहीन वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है| उससे हमारा कुछ भी भला नहीं होने वाला । इससे सिर्फ देश की छवि खराब होगी और कार्यपालिका के मनोबल पर असर पड़ेगा । केंद्रीय जांच ब्यूरो एवं सभी राज्यों के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के वाषिर्क सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुभवों से पता चलता है कि बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार ज्यादातर बड़े वाणिज्यिक संस्थानों के कामकाज से जुड़े रहे हैं । भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से अपनी सरकार पर बढ़ते हमलों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि संशोधनों के जरिए भ्रष्टाचार की एक स्पष्ट एवं असंदिग्ध परिभाषा दी जाएगी ताकि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की दरारें पाटी जा सकें और यह अंतरराष्ट्रीय चलन की तर्ज पर हो। भ्रष्टाचार शब्द के लिए एक स्पष्ट एवं असंदिग्ध परिभाषा दी जाएगी जिसके दायरे में आपूर्ति एवं मांग पक्ष भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि आपूर्ति पक्ष में रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने में कॉरपारेट नाकामी को एक नए अपराध की तरह शामिल करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहेगी कि भ्रष्टाचार के नाम पर निर्दोष लोगों का उत्पीडन नहीं हो। हाल के दिनों में भ्रष्टाचार के बडे़ मामलों में बड़ी व्यावसायिक कंपनियों के संलिप्त होने के खुलासे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि घूस लेने ही नहीं बल्कि घूस देने को भी भ्रष्टाचार की परिभाषा के दायरे में लाने का प्रयास किया जा रहा है। सिंह ने कहा कि ऐसे अनेक उदाहरण सामने आए हैं कि ज्यादातर मामलों में घूस देने वाला भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों का सहारा लेकर बच निकलता है और प्रस्तावित संशोधन में इस बात का ध्यान रखा जाएगा।