आशा की आशा बने शिवराज

भोपाल। मेरे जीने का सहारा है यह दोनों बेटियां। जैसे ही पता चला कि छोटी लाड़ो को ब्रेन ट्यूमर है। जीवन में मानों अंधेरा छा गया। ट्यूमर के ऑपरेशन का भारी खर्च वहन करना मेरे बूते से बाहर था। ऐसे में मुख्यमंत्री और उनका परिवार गरीब की बेटी का ऑपरेशन कराने में देवदूत बना। शनिवार को मेरी बेटी का ऑपरेशन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की स्वैच्छानुदान राशि से हुआ।
विवेकानंद रीजनल स्पाइन सेंटर भोपाल में भर्ती 11 वर्षीय शालिनी की माँ श्रीमती आशा देवी ने भाव विभोर होकर यह खुशी व्यक्त की। वे अपनी दो बेटियों का पालन पोषण घरेलू काम कर करती हैं। माता मंदिर के पास नूतन सुभाष हायर सेकेण्डरी स्कूल में पाँंचवीं कक्षा में पढऩे वाली शालिनी होशियार छात्रा है। माँ ने बताया बेटी के सिर में भारी पीड़ा होने से वह करीब एक माह से स्कूल नहीं जा रही थी। स्कूल की शिक्षिका ने घर आकर पूछा कि बेटी को स्कूल भेजना बंद क्यों कर दिया। उन्हें बताया कि बेटी को ब्रेन ट्यूमर है और ऑपरेशन ही एक मात्र रास्ता है तो वे भी चिंतित हो गयीं। उन्होंने कहा मेरी मुख्यमंत्री की पत्नी साधना दीदी से कुछ जान-पहचान है। चलो देखते हैं शायद कुछ मदद हो जाये। बस यहीं से हम माँ-बेटी का भाग्य खुल गया। ऑपरेशन के लिये मदद तो मिली ही, सहानुभूति भी मिली। श्रीमती चौहान ने डॉक्टरों का पर्चा देखकर बेटी को फौरन अस्पताल में भर्ती करवाने को कहा। अस्पताल में बेटी को भर्ती करवाने पर डॉक्टर ने बताया कि 80 हजार रुपये खर्च आएगा। यह राशि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की स्वीकृति मिल गयी है।
इस पुनीत कार्य में सर्जरी विशेषज्ञ डॉ.सुनील पंडित ने भी योगदान दिया। वे ऑपरेशन में होने वाले खर्च से आधे से भी कम राशि ले रहे हैं। डॉ. पंडित ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा इलाज के लिये प्रारंभ की गयी योजनाएँ गरीब परिवारों के जीवन में आशा की बड़ी किरण बनकर आयी हैं। शालिनी का ऑपरेशन शनिवार को हुआ। बीच में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अर्धांगनी श्रीमती साधना सिंह भी उसका हाल चाल जानने अस्पताल पहुंचीं।


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