एएमयू में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम देशद्रोह का मुकदमा दर्ज
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अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में गत 16 जनवरी को राष्ट्रविरोधी भाषण देने के आरोप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र के खिलाफ शनिवार को देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने यहां बताया कि जेएनयू के छात्र शर्जील इमाम का एक वीडियो शुक्रवार रात से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
एएमयू में गत 16 जनवरी को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी के विरोध में आयोजित रैली के दौरान दिये गये इस भाषण के वीडियो की जांच में पाया गया है कि शर्जील ने कुछ भड़काऊ बातें कहीं, जो राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आती हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में शर्जील के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली रवाना हो गई है।
एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवाई ने कहा कि वीडियो में की गयी कुछ टिप्पणियां बेहद आपत्तिजनक हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले को बहुत गम्भीरता से ले रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी हरकत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हमने अपने सुरक्षा स्टाफ को भी सचेत किया है कि वह बाहर से आने वाले लोगों को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरते, क्योंकि वे एएमयू परिसर में घुसकर माहौल खराब कर सकते हैं। छात्रों से भी कहा गया है कि वे ऐसे किसी भी तत्व से परहेज करें।
इधर राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहे प्रदर्शन के मुख्य आयोजक और जेएनयू छात्र शर्जील इमाम के भड़काऊ भाषण वाले वीडियो सामने आने के बाद असम सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए गंभीरता से लिया है। जिसके बाद असम सरकार ने शर्जील पर केस दर्ज कर लिया गया है। असम पुलिस के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर जीपी सिंह ने कहा- शर्जिल इमाम के दिए भाषण के चलते गुवाहाटी पुलिस ने यूए(पी) एक्ट की धारा 13(1)/18 और आईपीसी की धारा 153ए, 153बी और 124ए के तहत केस दर्ज कर लिया है।
जेएनयू छात्र शर्जील इमाम वायरल वीडियो में कहता है कि 'हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम से हिंदुस्तान को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं। स्थायी तौर पर नहीं तो एक-दो महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से अलग कर ही सकते हैं। रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएं वायुसेना से। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है।'
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