प्रकृति ने जीव को दिया दृष्टि अमूल्य उपहार : बाबा बलरामदास
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नेत्र चिकित्सा शिविर में हुए 101 रोगियों के हुए ऑपरेशन
मथुरा। प्रकृति ने जीव को दृष्टि एक ऐसा अमूल्य उपहार दिया है जिसकी कोई कीमत नहीं आंकी जा सकती है। जिस अंधकार में हम एक क्षण बिताने की कल्पना नहीं कर सकते, उसी गहन अंधकार में कितने ही लोग जिन्दगी गुजारने को मजबूर है। क्या इनके जीवन में प्रकाश की कोई किरण आ सकती है। उक्त विचार बाबा बलराम दास ने स्व0 मिथलेश शाह की द्वितीय पुण्य स्मृति में आयोजित नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के समापन समारोह के अवसर पर श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान, गोवर्धन रोड के प्रांगण में व्यक्त किये।
इस अवसर पर चम्पालाल भुवालका ने कहा कि स्व0 श्रीमती मिथलेश शाह ने सामाजिक जगत के लिए अनेक कार्य किये उनका योगदान विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय रहा। आज उनकी स्मृति में नेत्र चिकित्सा शिविर के माध्यम से उनको सच्ची श्रद्धाजंलि है। अजयकान्त गर्ग ने कहा कि नेत्र ज्योति प्रदान करना सबसे बड़ा यज्ञ है। इस दान को महादान की श्रेणी में रखा गया है। इससे बड़ा दान कोई नहीं हो सकता।
संस्था महासचिव सुनील कुमार शर्मा ने शिविर की समीक्षा करते हुए बताया कि स्व0 मिथलेश शाह कल्याणं करोति के स्थापना काल से जुड़ी हुई थी। वह संस्थापक सदस्य थीं। उनका कल्याणं करोति द्वारा संचालित प्रकल्पों में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। आज उनकी द्वितीय पुण्य तिथि के अवसर पर नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में दूर दराज के अंचलों से आये 357 नेत्र रोगियों ने पंजीकरण कराकर परीक्षण कराया जिसमें से 101 नेत्र रोगियों के ऑपरेशन श्रीजी बाबा चिकित्सा संस्थान, गोवर्धन रोड पर सम्पन्न किये गये। शिविर में ऑपरेशन के योग्य पाये गये नेत्र रोगियों को पंलग बिस्तर दवा चश्मा, भोजन की व्यवस्था पूर्णत: नि:शुल्क रूप से की गई। कार्यक्रम का संचालन राजेश दीक्षित ने की।
इस अवसर पर हुकम चन्द्र गोयल, एसपी गुप्ता, अजय गोयल, सेठ मदन लाल, श्रीमती इन्दुवती, श्रीमती इलैना, श्रीमती सुरेश गोयल, श्रीमती सुतेश गोयल, श्रीमती राजेश गुप्ता, श्रीमती पूजा गोयल, निरूपम भार्गव, परमजीत सिंह, राम सनेही आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
Naveen Savita
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