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जीएलए विवि में द्वि-दिवसीय कॉन्क्लेव में जुटे कॉर्पोरेट दिग्गज

जीएलए विवि में द्वि-दिवसीय कॉन्क्लेव में जुटे कॉर्पोरेट दिग्गज
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मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय में प्रबन्धन की द्वि-दिवसीय सीएसआर-कॉन्क्लेव, कनेक्टिंग रूरल इंडिया का शुभारम्भ हुआ जिसमें राष्ट्रीय स्तर के उद्योग जगत के जाने-माने प्रबन्धकों ने कॉन्क्लेव की शोभा बढ़ायी। यह कॉन्क्लेव एनपीसीसी-मिनीरतना कंपनी, स्कोप सीएसआर विजन, पीएफसी और मथुरा रिफाइनरी के सहयोग से आयोजित की गई।

कॉन्क्लेव का शुभारंभ गणमान्यों द्वारा सरस्वती वंदना की सुमधुर तान के मध्य माँ सरस्वती एवं प्रेरणास्रोत स्व. गणेशी लाल अग्रवाल के चित्रपट पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कॉन्क्लेव में सुलभ इंटनेशनल के संस्थापक पद्मभूषण डॉ. विन्देश्वर पाठक ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

कुलपति प्रो. डीएस चौहान, प्रतिकुलपति एवं प्रबन्धन संस्थान के निदेशक प्रो. आनन्द मोहन अग्रवाल, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, प्रो. प्रदीप मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अतुल बंसल, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह तथा विश्वविद्यालय के समस्त विभागाध्यक्ष, कार्यक्रम संचालक, प्रोफेसरगण, शिक्षकों व विद्यार्थियों ने भागीदारी की।

प्रतिकुलपति व प्रबन्धन संस्थान के निदेशक प्रो. एएम अग्रवाल ने समस्त आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम की सफलता उपस्थित समस्त बुद्धिजीवीगणों द्वारा कॉन्क्लेव के मूल तत्वों को राष्ट्र हित में सही समय पर उचित प्रकार से प्रयोग किये जाने से ही साबित होती है।

मुख्य अतिथि पद्मभूषण विन्देश्वर पाठक ने कॉन्क्लेव के विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज के वैश्वीकरण युग में यह नितांत आवश्यक है कि हम परिस्थितयों के अनुरूप खुद को ढालें और अपने ज्ञान और तजुर्वे को दूसरों के साथ ताजा करें।

विशिष्ट अतिथि एवं कस्टम एक्साइज के भूतपूर्व डीजी (आईआरएस) ऋषिकेश शरण ने भगवान बौद्ध के सिद्धांतों को समझाते हुए इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि हम अपनी सीमाएं खुद तय कर लेते हैं और अपनी पूर्ण क्षमता को पूरी तरह से पहचान नहीं पाते हैं। कीनोट स्पीकर एवं चीफ एडिटर सीएसआर विजन प्रो. रंजन महोपात्रा ने कहा कि अनुभव के बिना किताबी ज्ञान अधूरा है।

विशिष्ट अतिथि एवं आईओएसीएल मथुरा रिफाइनरी के जनरल मैनेजर (एम्पलॉय रिलेशन) सुनील कपूर ने कहा कि सीएसआर की श्रेणी में ऐसी सुविधाएं जैसे पीने का साफ पानी, महिला सशक्तिकरण, सब सबके लिए शिक्षा और हुनर को निखारने की कोशिश आती है।

एमडीआई के भूतपूर्व निदेशक प्रो. सीवी बख्शी ने कहा कि एक अच्छा उत्पाद बनाना भी समाज सेवा के समान है, क्योंकि अगर हम ग्राहक को हर तरह से संतुष्ट कर पायें तो समाज के विकास में हमारा समुचित योगदान होगा।

एनपीसी की एचआर जनरल मैनेजर डॉ. रिचा मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण भारत से मुख्य भारत को जोडऩा ही वास्तविक में कंपनियों के लिए सीएसआर का लक्ष्य है, जिसके अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी गतिविधियां देश के सबसे सुदूर क्षेत्रों को भी भारत की मुख्य धारा से जोड़ती हैं।

स्कोप के एचआर हैड कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन पीके सिन्हा ने कहा कि भारत में सीएसआर की भूमिका दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और समयानुसार परिवर्तन प्रकृति का नियम है और कॉर्पोरेट जगत में भी इसकी काफी प्रासंगिकता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चौहान ने धार्मिक ग्रंथों महाभारत और रामायण के माध्यम से कुशल प्रबंधन और विकास की विभिन्न संभावनाओं पर प्रकाश डाला और उन्हें सीएसआर से जोड़कर कई दिलचस्प बातें बताईं। उद्घाटन समारोह के अंत में कॉन्क्लेव संयोजक प्रो. कन्हैया सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के माध्यम से पधारे तमाम गणमान्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

इस द्वि-दिवसीय संगोष्ठी के प्रथम दिन दो पैनल डिस्कशन आयोजित किए गए, जिसमें सीएसआर विजन के चीफ एडिटर रंजन मोहपात्रा, भेल के जनरल मैनेजर डॉ. बलवीर तलवार, टूरिस्ट ट्रस्ट इंडिया के शशिकांत पाराशर और निधि पाराशर, एनसीडीसी निदेशक जयकांत सिंह, वरूण विद्यार्थी संस्थापक मानवोदय, पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के डॉ. अजित पाठक, एएआई की डीजीएम-सीएसआर नीतू जैन, बमरौली आगरा के ग्राम प्रधान जय किशन कटारा और कल्पना कटारा, आलू किसान विकास समिति आगरा के अध्यक्ष राजवीर लवानियां ने कॉन्क्लेव की विषय वस्तु पर अपने विचार व्यक्त किए और उसकी सफलता में महत्ती भूमिका निभाई।

Updated : 11 Jan 2019 4:37 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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