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मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर समेत चार मंदिरों में दिन में मनाई गई जन्माष्टमी

मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर समेत चार मंदिरों में दिन में मनाई गई जन्माष्टमी
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मथुरा। कान्हा की नगरी में वृंदावन के तीन मंदिर और मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर में सोमवार दिन में ही योगीराज श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव महाभिषेक कर मनाया गया। प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि चार सितम्बर को दस बजे मंदिर में नंदोत्सव मनाया जाएगा। वहीं इसी प्रकार से वृंदावन के बांकेबिहारी एवं अन्य मंदिरों में भी धूमधाम से नंदोत्सव मनाया जाएगा।

द्वारिकाधीश मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कार्यक्रम सोमवार प्रातः छह बजे से ही प्रारंभ हो गया। मंदिर में नौबत बजाई गई, भक्तों के लिए प्रातः 6 से 6ः15 बजे तक मंगला के दर्शन खोले गए। 6ः30 बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक मंदिर के मुखिया ब्रजेश कुमार व सुधीर ने संयुक्त रूप से दूध, दही, शहद, बूरा और घी से किया। करीब 8ः30 बजे ठाकुर के भव्य शृंगार, ग्वाल और राजभोग के दर्शन हुए। शाम 7ः30 बजे अध्यापन के दर्शनों को भारी भीड़ उमड़ी। रात्रि 10 बजे जागरण की पहली झांकी तथा 11ः45 बजे पर भगवान के जन्म के दर्शन भक्तों ने किए। मंदिर में घंटों-घड़ियालों की ध्वनि गूंजती रही। वहीं दूसरी ओर तीन लोक से न्यारी मथुरा नगरी के वृन्दावन नगर में अनूठी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। यहां के तीन मन्दिरों में जहां दिन में जन्माष्टमी मनाई जाती है वहीं यहां के शेष मन्दिरों में रात में जन्मोत्सव पूरे मनोयोग से मनाया जाता है। सप्त देवालयां में शुमार राधारमण मन्दिर, राधा दामोदर एवं शाहजी मन्दिर में दिन में ही बालस्वरूप श्रीकृष्ण का महाभिषेक किया गया।

साल में एक बार होती है बांकेबिहारी मंदिर की मंगला आरती

विश्व विख्यात श्रीबांके बिहारी मन्दिर में ठाकुर जी का पूजन अर्चन बाल स्वरूप किया जाता है। इसके लिये मन्दिर में सेवायतों द्वारा ऐसी व्यवस्थायें की जाती हैं जिससे कि जन-जन के आराध्य लाला को किसी प्रकार की परेशानी न हो। बाल स्वरूप में सेवा होने के बावजूद बांके बिहारी मन्दिर में जन्मोत्सव पर होने वाली मंगला आरती के दर्शन मध्य रात्रि उपरान्त होते हैं। यह मंगला आरती साल में एक ही दिन होती है, तदोपरान्त सुबह 5.30 तक दर्शन खुल रहते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के उपरान्त मंगलवार दिन बांके बिहारी मन्दिर में धूम-धाम से नन्दोत्सव मनाया जाता है।

Updated : 3 Sep 2018 11:59 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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