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6 माह में गिरिराज परिक्रमा मार्ग का होगा कायाकल्प, हर एक किलोमीटर पर लगेगा आरओ

पूंछरी पर बन रहे गेट के प्रकरण पर एनजीटी ने याची को लगाई फटकार

6 माह में गिरिराज परिक्रमा मार्ग का होगा कायाकल्प, हर एक किलोमीटर पर लगेगा आरओ
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उप्र बृज तीर्थ विकास परिषद के तीन प्रोजेक्टों को मिली एनओसी

मथुरा/स्वदेश वेब डेस्क। गिरिराज पर्वत के संरक्षण और उसकी पौराणिकता बनाए रखने के साथ ही गोवर्धन के सुनियोजित विकास की मंशा को अब नेशनल हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने मुहर लगा दी है। गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा के संरक्षण के मामले में सुनवाई करते हुए नेशनल हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने परिक्रमा मार्ग में राजस्थान के पूंछरी बार्डर पर बन रहे गेट पर सवाल उठाने पर याची बाबा आनंद गोपाल को कड़ी फटकार लगाई है। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा के निर्देशन में चल रहे तीन प्रोजेक्ट गोवर्धन फेंसिंग, गोवर्धन वाटर पाइप लाइन मामले में एनओसी क्लीयर कर विकास में आ रही बाधा को दूर कर दिया है।

बतादें कि एनजीटी में पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान 19 बिंदुओं पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। इन बिंदुओं पर रिपोर्ट लेकर मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के सहायक अभियंता कौशलेन्द्र चैधरी मंगलवार को एनजीटी कोर्ट में उपस्थित हुए। जिसमें उन्होंने विस्तार से प्रत्येक बिन्दु पर अपना पक्ष रखा। एनजीटी ने प्राधिकरण की दलीलों को उचित बताया। इस कारण कोर्ट ने बृज तीर्थ विकास परिषद के तीनों प्रोजेक्टों को अपनी एनओसी प्रदान होने से यहां के विकास का रास्ता साफ हो गया है।

गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए आज राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा ब्रज तीर्थ विकास परिषद व मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता अमित तिवारी की तरफ से न्यायालय को यह अवगत कराया गया की याचिकाकर्ता बाबा आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने न्यायालय में गिरिराज पर्वत के चारों ओर दीवार बनाने की जगह लोहे की फेंसिंग का प्रस्ताव रखा था।

जिसको ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा व मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा मंजूर कर लिया है तथा इसी के साथ-साथ पूरी गिरिराज परिक्रमा में इंडिया गेट की तर्ज पर लोहे की फेंसिंग की जाएगी। 30 सेंटीमीटर का हियुम पाइप डालकर उसमें बिजली के तार व कैमरे के लिए वायर डाले जाएंगे इसी के साथ फेंसिंग के साथ-साथ सीसी टीवी कैमरा, साउंड सिस्टम जिसमें की भजन सुने जा सकेंगे व हेरिटेज लुक वाली लाइटें लगवाई जाएंगी। इस सभी को कंट्रोल करने के लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई अब 10 दिसम्बर को होगी।

Updated : 6 Dec 2018 3:03 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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