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मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में धांधली, कृषि विभाग के नौ अधिकारी निलम्बित

मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में धांधली, कृषि विभाग के नौ अधिकारी निलम्बित
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लखनऊ/स्वदेश वेब डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड बनाने में धांधली की शिकायत पर सख्त रवैया अपनाते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को कृषि विभाग के नौ वरिष्ठ अधिकारियों को निलम्बित कर दिया।

पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत 19 फरवरी 2015 को की थी। योजना के तहत खेत की मिट्टी की गुणवत्ता जांच कर किसान को सुझाव देना है ताकि किसान सुझाव के अनुसार खेत में खाद, पानी आदि का उपयोग कर उत्पादन बढ़ा सके। प्रधानमंत्री की इस योजना को उनके किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प से भी जोड़कर देखा जाता है। इस योजना के प्ररम्भ करने के समय 568 करोड़ रुपये बजट में आवंटित किया गया था। इसके बाद बजट में बढ़ोत्तरी की गयी। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 और 2018-19 में उत्तर प्रदेश में परीक्षण के लिये मिट्टी के 4867442 नमूने लेने का लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य के सापेक्ष 83.89 प्रतिशत का परीक्षण किया गया।

आंकड़ों के अनुसार तीन साल में 14 करोड़ कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मिट्टी का परीक्षण कर उसमें पोषक तत्व सामग्री,आवश्यक खाद,तापमान और वर्षा की हालत आदि की जानकारी कार्ड पर अंकित कर दी जाती है। इससे किसान को खेतों में संतुलित खाद आदि का प्रयोग करने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। कार्ड बनाने के लिये किये गये टेंडर में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की सूचना मिलते ही कृषि विभाग के नौ वरिष्ठ अधिकारियों को निलम्बित कर दिया गया।

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि निलम्बित किए गए अधिकारियों में लखनऊ मुख्यालय में तैनात संयुक्त कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी, बरेली के उप कृषि निदेशक विनोद कुमार, मुरादाबाद के उप कृषि निदेशक डॉ. अशोक कुमार, अलीगढ़ के संयुक्त कृषि निदेशक जोगेंद्र सिंह राठौर, सहारनपुर के उप कृषि निदेशक राजीव कुमार, झांसी के उप कृषि निदेशक रामप्रताप, मेरठ के उप कृषि निदेशक सुरेश चंद्र चौधरी, अलीगढ़ के मृदा परीक्षण प्रभारी और सहायक निदेशक देव शर्मा तथा बरेली के सहायक निदेशक संजीव कुमार शामिल हैं।

श्री शाही ने बताया कि इन अधिकारियों पर चार कंपनियों मेसर्स सरस्वती, यस सलूशन, मेसर्स सिद्धि विनायक और सतीश अग्रवाल कंपनी को गलत ढंग से टेंडर देने का आरोप है। इन कंपनियों को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अधिकारियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए विधिक राय ली जा रही है। एक सवाल के जवाब में श्री शाही ने कहा कि टेंडर करीब 12 करोड़ रुपये का था जिसे निरस्त कर दिया गया है। दोबारा पारदर्शी तरीके से टेंडर कराए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि टेंडर में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इसके बाद इसकी जांच कृषि उत्पादन आयुक्त को सौंपी गई थी। उनकी जांच रिपोर्ट मिलने पर यह कार्रवाई की गई। बरेली में किये गए भुगतान की रिकवरी कराई जा रही है, जबकि अन्य स्थलों पर भुगतान रोक दिया गया है।

Updated : 18 Nov 2018 7:38 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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