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गूगल का यह एप्प बच्चों में बढ़ाएगा पढ़ने की आदत

गूगल का यह एप्प बच्चों में बढ़ाएगा पढ़ने की आदत
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नई दिल्ली। गूगल ने अपना नया 'बोलो' एप लॉन्च किया है। स्कूली बच्चों को प्राथमिक स्तर पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा पढ़ने में मदद के मकसद से कंपनी ने यह एप लॉन्च किया है। यह फ्री एप भारत में पहली बार लॉन्च किया गया है। यह एप गूगल की स्पीज रिकॉग्निशन और टेक्स्ट-टू-स्पीच टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है।

इस एप में 'दीया' नाम का एक एनीमेटिड कैरेक्टर है, जो बच्चो को तेज आवाज में कहानी पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। अगर बच्चा किसी शब्द का उच्चारण नहीं कर पाता है, तो यह किरदार उसकी मदद करता है। इसके अलावा बच्चा अगर सही-सही और पूरी कहानी पढ़ता है, तो यह किरदार बच्चे की तारीफ भी करता है। गूगल इंडिया के प्रोडक्ट मैनेजर नितिन कश्यप के मुताबिक हमने इस एप को ऑफलाइन काम करने के लिहाज से डिजाइन किया है। यूजर को सिर्फ इसे डाउनलोड भर करने की जरूरत है। 50 एमबी का यह एप एक बार डाउनलोड होने के बाद यूजर हिंदी और अंग्रेजी की 10 कहानियों तक एक्सेस कर सकते हैं। इन कहानियों को जोर-जोर से पढ़कर बच्चा अपनी पढ़ाई के कौशन को निखार सकता है।

यूजर के लिए बोलो एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा। एंड्रॉयड 4.4 (किटकैट) और हायर स्मार्टफोन पर इसे डाउनलोड किया जा सकता है। कश्यप ने कहा कि ग्रामीण भारत में पांचवी कक्षा तक के सिर्फ आधे बच्चे ही दूसरी कक्षा तक की किताबों को आत्मविश्वास के साथ भाषा पढ़ पाते हैं। पढ़ने की योग्यता की कमी आगे की शिक्षा को भी प्रभावित करती है। इससे बच्चे का पूरा व्यक्तित्व विकास प्रभावित होगा। गुणवत्ता वाली पाठ्य सामग्री तक कम पहुंच, स्रोतों और आधारभूत सुविधाओं का अभाव और सीखने की बाधाएं बच्चों के सामने सीखने की चुनौतियां बनकर सामने आती हैं। कंपनी का कहना है कि गूगल ने उत्तर प्रदेश के 200 गांव में 'बोलो' एप का परीक्षण किया। शुरुआती परिणामों में देखा गया कि यह काफी प्रोत्साहित करने वाला है। तीन ही महीनों के अंदर 64 प्रतिशत बच्चों की पढ़ने की क्षमता में सुधार हुआ।

देशभर में इस एप को लोगों तक ले जाने के लिए फिलहाल हम गैर-सरकारी पार्टनर्स के साथ काम कर रे हैं। इतना ही नहीं कंपनी अन्य भारतीय भाषाओं जैसे कि बंगाली आदि का भी विस्तार इस एप पर करने का विचार कर रही है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए, सभी पर्सनल सूचनाएं डिवाइस में रहती हैं। दिलचस्प बात ये है कि इस एप पर लॉग इन करने के लिए यूजर की ईमेल आईडी और लिंग आदि डिटेल नहीं मांगी जाती।

Updated : 9 March 2019 10:30 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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