#ABPS / युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है आजाद हिन्द सरकार का इतिहास - सरकार्यवाह जी
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ग्वालियर / स्वदेश वेब डेस्क। प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह मा. भय्याजी जोशी के वक्तव्य के बारे में पत्रकार वार्ता के दौरान सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले जी ने कहा कि 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा निर्वासन में आजाद हिन्द सरकार का गठन किया था जिसके 75 वर्ष पूर्ण हुए हैं। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में इस घटना का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। दिसम्बर 1943 में जापान की नौसेना द्वारा जीते गए अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह आजाद हिन्द सरकार को सौंप दिए गए थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इन द्वीप समूहों के नाम शहीद व स्वराज रखकर तथा वहां 30 दिसम्बर 1943 को राष्ट्रध्वज फहराकर अपना स्वतंत्र क्षेत्राधिकार घोषित किया था। इनके कारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक विधिसम्मत सरकार के रूप में सुपुष्ट आधार प्राप्त हुआ था। इन सारे कार्यों से अंग्रेजी सेना के भारतीय सैनिकों तथा आम जनता में देशभक्ति की लहर उठी, जिससे स्वाधीनता संग्राम को एक निर्णायक मोड़ प्राप्त हुआ।
वक्तव्य के अनुसार, "इस ऐतिहासिक घटनाचक्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द सरकार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस तथा आजाद हिन्द सेना के हजारों सैनिकों के योगदान का हम कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हैं। इस प्रेरणादायी तथा गौरवशाली इतिहास को देश के सभी नागरिकों,विशेषकर युवा पीढ़ी तक पहुँचाने हेतु विविध कार्यक्रमों की योजना करें यह सभी से आह्वान है।"युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है आजाद हिन्द सरकार का इतिहास
प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह जी के वक्तव्य के बारे में श्री दत्तात्रेय ने कहा कि 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा निर्वासन में आजाद हिन्द सरकार का गठन किया था जिसके 75 वर्ष पूर्ण हुए हैं। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में इस घटना का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। दिसम्बर 1943 में जापान की नौसेना द्वारा जीते गए अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह आजाद हिन्द सरकार को सौंप दिए गए थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इन द्वीप समूहों के नाम शहीद व स्वराज रखकर तथा वहां 30 दिसम्बर 1943 को राष्ट्रध्वज फहराकर अपना स्वतंत्र क्षेत्राधिकार घोषित किया था। इनके कारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक विधिसम्मत सरकार के रूप में सुपुष्ट आधार प्राप्त हुआ था। इन सारे कार्यों से अंग्रेजी सेना के भारतीय सैनिकों तथा आम जनता में देशभक्ति की लहर उठी, जिससे स्वाधीनता संग्राम को एक निर्णायक मोड़ प्राप्त हुआ।
वक्तव्य के अनुसार, "इस ऐतिहासिक घटनाचक्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द सरकार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस तथा आजाद हिन्द सेना के हजारों सैनिकों के योगदान का हम कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हैं। इस प्रेरणादायी तथा गौरवशाली इतिहास को देश के सभी नागरिकों,विशेषकर युवा पीढ़ी तक पहुँचाने हेतु विविध कार्यक्रमों की योजना करें यह सभी से आह्वान है।"
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