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अब सोशल मीडिया पर फूट रहे 'दीपावली पटाखे'

अब सोशल मीडिया पर फूट रहे दीपावली पटाखे
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दीपावली में पटाखे जलाने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी करने के बाद इस विषय पर अब बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया भी इससे अछूता नहीं रहा है और यह विषय काफी ट्रेंड कर रहा है। दीवाली और फायरक्रेकर्स हैसटैग से लोग तरह-तरह की टिप्पणियां और चुटीले अंदाज में अपनी राय बयां कर रहे हैं।

पूर्वी दिल्ली से शालिनी का कहना है कि धर्म, आस्था और त्योहारों में अब न्यायालय का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित एनजीओ अथवा समाजसेवी हर विषय को लेकर न्यायालय की दहलीज पर पहुंच जा रहे हैं। नतीजतन न्यायालय को भी इन विषयों पर राय देनी पड़ रही है। शालिनी ने कहा कि आज पटाखों से प्रदूषण की बात हो रही है कल यह मामला यज्ञ, हवन और पूजा के दौरान उठने वाले धुंए तक पहुंच जाएगा।

दक्षिणी दिल्ली से अनिल कंडारी भी न्यायालय के फैसले से तनिक असहज महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में दिनभर सड़कों पर लाखों वाहन दौड़ते हैं। उनसे होने वाले प्रदूषण का क्या? किंतु जब भी दीपावली आती है तो पटाखों और होली पर रंगों को लेकर बहस छेड़ने का सिलसिला आम हो गया है।

उधर, सोशल मीडिया पर भी इस विषय को लेकर बहस तेज है। ट्विटर पर अनुराग के हैंडल से कहा गया है कि 8 से 10 बजे की समयसीमा तय करने के बाद माननीय कॉलेजियम हमें यह भी बताइएगा कि दीपावली के पूजा समय के लिए पंचांग को स्वीकार या अनदेखा करना है या नहीं?

श्रुतिसागर ने कहा, तमिलनाडु में लोग शाम के समय नहीं बल्कि सुबह दीपावली मनाते हैं। पटाखों को फोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट का समय निश्चित करने के आदेश से पता चलता है कि कैसे उत्तर भारतीय संस्कृति इतनी व्यापक और आधिपत्य है।

सिद्धार्थ सिंह ने उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ के दौरान गोलियां खत्म होने पर मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालने वाली फोटो साझा करते हुए कहा कि ईको-फ्रेंडली दीपावली बनाने का यह बेहतरीन विचार इस घटना को देखकर आया होगा।

सत्या ने कहा कि ऐसा लगता है कि केवल हिंदू त्यौहारों के दौरान ही सारा प्रदूषण होता है। दीपावली पर पटाखों को आग लगाना खतरनाक है लेकिन क्रिसमस और नए साल पर यह उचित है।

राहुल आर्य ने कहा, राय वाये कुछ नही है, 2 घंटे भी बंद कर दो, क्योंकि इससे प्रदूषण होता है लेकिन जानवरों का कटना भी बंद होना चाहिए। क्यों निर्दोष को मारना भी गलत है और उन जानवरों के अवशेष भी एक प्रकार का प्रदूषण ही फैलाते हैं।

शिवानी अवस्थी ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली में आतिशबाजी पर फैसला सुनाया है लेकिन मेरा सवाल है कि आखिर हिंदू त्यौहारों पर ही सारी याचिकाएं क्यों दाखिल की जा रही है और क्यों हिंदू त्यौहारों पर ही अदालत बार बार प्रतिबंध लगा रही है?

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली के दिन रात आठ बजे से 10 बजे तक पटाखे जलाने का निर्देश दिया है। यह समय सीमा पूरे देश में लागू होगी।

Updated : 23 Oct 2018 7:16 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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